
नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने साल 2026 से 10वीं बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित करने के फैसले को मंजूरी दे दी है। यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) के तहत किया गया है, ताकि छात्रों को बेहतर प्रदर्शन का दूसरा मौका मिल सके।
CBSE के एग्जामिनेशन कंट्रोलर संयम भारद्वाज ने यह जानकारी साझा करते हुए बताया कि पहली परीक्षा अनिवार्य होगी, जबकि दूसरी परीक्षा में छात्र अपनी इच्छा से शामिल होकर नंबर सुधार सकते हैं।
परीक्षाओं का शेड्यूल और रिजल्ट
- पहली परीक्षा: फरवरी (संभावित तिथि 17 फरवरी से 6 मार्च 2026)
- दूसरी परीक्षा: मई (संभावित तिथि 5 से 20 मई 2026)
- पहली परीक्षा का रिजल्ट: अप्रैल में
- दूसरी परीक्षा का रिजल्ट: जून में
परीक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
- पहली परीक्षा में बैठना सभी के लिए अनिवार्य होगा।
- दूसरी परीक्षा वैकल्पिक होगी, जिसमें वे छात्र शामिल हो सकते हैं जो अपने नंबरों में सुधार करना चाहते हैं।
- दोनों परीक्षाओं में वही पूरा सिलेबस शामिल होगा।
- इंटरनल असेसमेंट साल में सिर्फ एक बार किया जाएगा।
- दोनों परीक्षाओं के लिए परीक्षा केंद्र एक ही रहेंगे।
- रजिस्ट्रेशन के समय दोनों परीक्षाओं की फीस जमा करनी होगी।
- छात्र की जिस परीक्षा में अधिक नंबर आएंगे, उसी को फाइनल स्कोर माना जाएगा।
छात्रों को मिलेगा दूसरा मौका
CBSE ने बताया कि इस फैसले से छात्रों को उन परीक्षाओं की तरह अवसर मिलेगा जैसा कि JEE या CUET जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में होता है। इससे यदि कोई छात्र पहली बार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाता, तो वह मई में आयोजित परीक्षा में अपने अंकों में सुधार कर सकता है।
12वीं बोर्ड परीक्षाएं दो बार नहीं होंगी
CBSE ने स्पष्ट किया है कि यह व्यवस्था फिलहाल केवल 10वीं कक्षा के लिए लागू होगी। 12वीं कक्षा की परीक्षा अभी साल में एक बार ही ली जाएगी।
शिक्षा मंत्रालय की बैठक के बाद फैसला
यह फैसला 19 फरवरी 2025 को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद लिया गया, जिसमें CBSE, NCERT, KVS, NVS समेत अन्य शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल थे। इस बैठक में शिक्षा मंत्री ने कहा था कि, “जिस तरह से JEE की परीक्षाएं साल में दो बार होती हैं, उसी तरह 10वीं के छात्रों को भी अपने अंकों को सुधारने का अवसर मिलना चाहिए।”