नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने साल 2026 से 10वीं बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित करने के फैसले को मंजूरी दे दी है। यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) के तहत किया गया है, ताकि छात्रों को बेहतर प्रदर्शन का दूसरा मौका मिल सके।
CBSE के एग्जामिनेशन कंट्रोलर संयम भारद्वाज ने यह जानकारी साझा करते हुए बताया कि पहली परीक्षा अनिवार्य होगी, जबकि दूसरी परीक्षा में छात्र अपनी इच्छा से शामिल होकर नंबर सुधार सकते हैं।

CBSE ने बताया कि इस फैसले से छात्रों को उन परीक्षाओं की तरह अवसर मिलेगा जैसा कि JEE या CUET जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में होता है। इससे यदि कोई छात्र पहली बार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाता, तो वह मई में आयोजित परीक्षा में अपने अंकों में सुधार कर सकता है।
CBSE ने स्पष्ट किया है कि यह व्यवस्था फिलहाल केवल 10वीं कक्षा के लिए लागू होगी। 12वीं कक्षा की परीक्षा अभी साल में एक बार ही ली जाएगी।
यह फैसला 19 फरवरी 2025 को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद लिया गया, जिसमें CBSE, NCERT, KVS, NVS समेत अन्य शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल थे। इस बैठक में शिक्षा मंत्री ने कहा था कि, “जिस तरह से JEE की परीक्षाएं साल में दो बार होती हैं, उसी तरह 10वीं के छात्रों को भी अपने अंकों को सुधारने का अवसर मिलना चाहिए।”