डिजिटल डेस्क। भारतीय राजनीति में वर्ष 2025 की कई अहम तारीखें दर्ज हुई हैं। भारतीय जनता पार्टी इस साल में और ताकतवर बनकर उभरी है तो विपक्ष के दलों को ऑक्सीजन नहीं मिली। दिल्ली और बिहार जैसे राज्यों के चुनाव परिणामों में भाजपा-NDA ने बताया कि जनता में वे ही ज्यादा लोकप्रिय हैं।

27 सितंबर 2025 को RSS ने स्थापना के 100 वर्ष पूरे किए। संघ की स्थापना 27 सितंबर 1925 को डा. केशव बलिराम हेडगेवार ने नागपुर में की थी, और 2025 से 2026 तक शताब्दी वर्ष व्यापक रूप से मनाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में RSS के योगदान को उजागर करते हुए स्मारक डाक टिकट और 100 रुपए का स्मृति सिक्का जारी किया। नागपुर में दशहरा उत्सव और अन्य कार्यक्रमों में देशभर से स्वयंसेवक शामिल हुए, जिससे RSS की राजनीति और सामाजिक प्रभाव की व्यापक चर्चा बनी।


बिहार में 6 और 11 नवंबर को हुए मतदान के बाद 14 नवंबर 2025 को परिणाम घोषित हुए। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने 243 सीटों में 202 सीटें जीतकर भारी बहुमत प्राप्त किया। महागठबंधन (RJD-केंद्रित) मात्र 35 सीटों पर सिमट गया। भाजपा ने पहली बार बिहार में सबसे ज़्यादा सीटें जीतीं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना दसवां कार्यकाल शुरू किया। यह जीत 2025 के राजनीतिक परिदृश्य में राष्ट्रीय गठबंधनों की ताकत का संकेत मानी गई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर 2025 को 75 वर्ष के हो गए। उनका जन्म 17 सितंबर 1950 को हुआ था। यह तारीख 2025 के राजनीतिक और मीडिया मंचों पर चर्चा का विषय रही। यह सवाल उठने लगा कि क्या मोदी 75 के बाद सक्रिय राजनीति में बने रहेंगे या नहीं। भाजपा ने स्पष्ट किया कि संविधान में प्रधानमंत्री के लिए कोई अधिकतम उम्र सीमा नहीं है और मोदी अपनी भूमिका जारी रखेंगे।

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को अपने पद से तुरंत प्रभाव से इस्तीफा दे दिया, जिसकी घोषणा उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को लिखे पत्र में की। उन्होंने अपने इस्तीफे का कारण स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं और चिकित्सीय सलाह का पालन बताया। धनखड़ ने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति का पद ग्रहण किया था और उनका कार्यकाल 2027 तक होना था, लेकिन उन्होंने मानसून सत्र के पहले दिन ही यह निर्णय लिया। धनखड़ के इस्तीफे के बाद 9 सितंबर 2025 को नए उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान और परिणाम हुआ, जिसमें NDA के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति चुना गया।

लद्दाख को पूर्ण राज्य दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर इस साल एक बड़ा विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान लेह में हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई। इसी मामले में सरकार ने जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक पर लोगों को भड़काने का आरोप लगाया और फिर एनएसए के तहत वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया गया।

2025 में बीजेपी में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव राजनीतिक रूप से बेहद चर्चित रहा। बिहार में बांकीपुर विधानसभा सीट से पांचवीं बार जीत दर्ज करने वाले नीतीश कुमार सरकार में मंत्री नितिन नवीन को पार्टी ने कार्यकारी अध्यक्ष बनाया। उन्होंने जेपी नड्डा की जगह ली।

2025 में चुनाव आयोग ने स्पेशल इंटेंशिव रिवीजन (SIR) अभियान शुरू किया, जिसका उद्देश्य मतदाता सूची को अपडेट करना और फर्जी वोटों को हटाना था। बिहार में चुनाव से पहले एसआईआर हुआ, जिसमें तकरीबन 65 लाख नाम बाहर कर दिए गए। इसके बाद उत्तर प्रदेश, मप्र और पश्चिम बंगाल समेत अन्य 12 राज्यों में भी एसआईआर शुरू हुआ। मप्र में 42.74 लाख नाम काटे गए। दूसरी तरफ विपक्षी दल इस पर लगातार सवालिया निशान लगा रहे हैं।

राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम' के 150 साल पूरे होने के मौके पर इस शीतकालीन सत्र में इस पर चर्चा हुई। एनडीए दल के नेताओं ने बहस के दौरान कांग्रेस पर आरोप लगाया कि नेहरू ने मुस्लिम लीग की मांग पर इस गीत के छंद हटा दिए थे और इससे देश के विभाजन के बीज बोए गए। विपक्ष ने इन आरोपों पर पलटवार करते हुए दावा किया कि टैगोर की सलाह पर गीत में यह बदलाव किए गए थे ताकि हिंदू-मुस्लिम एकता बनी रहे।

2025 में केंद्र सरकार ने वक्फ कानून में महत्वपूर्ण संशोधन करते हुए कई प्रमुख बदलाव लागू किए। सरकार ने दावा किया कि इससे वक्फ संपत्तियों का पारदर्शी उपयोग, डिजिटाइजेशन और प्रशासनिक सुधार सुनिश्चित होंगे। हालांकि विपक्ष और कुछ धार्मिक संगठनों ने इसे अधिकारों में दखल बताते हुए विरोध प्रदर्शन किया।

2025 में केंद्र सरकार ने संसद में वन नेशन वन इलेक्शन विधेयक पेश किया, जिसका उद्देश्य लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराना है। विपक्षी दलों ने संघीय ढांचे, क्षेत्रीय राजनीति और लोकतांत्रिक संतुलन पर सवाल उठाए। लोकसभा में लंबी बहस के बाद इस विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेज दिया गया है।
सरकार ने ऑफिशियली 21 नवंबर 2025 से सभी चार लेबर कोड लागू कर दिए हैं। कोड ऑन वेजेज, 2019, इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड, 2020, कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी, 2020 ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड, 2020, ये कोड 29 पुराने लेबर कानूनों को एक कंसोलिडेटेड सिस्टम से बदल देंगे।

दिसंबर 2025 में केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) के नाम में बदलाव का फैसला किया और संसद में Viksit Bharat – Guarantee for Rozgar and Ajeevika Mission (Gramin) Bill, 2025 (वीबी-जी राम जी 2025) पेश किया, जिसे 19 दिसंबर 2025 को लोकसभा और 20 दिसंबर को राज्यसभा में पारित किया गया। यह बिल MGNREGA (2005) को समाप्त करते हुए, उसे VB-G RAM G नए कानून से प्रतिस्थापित करता है। नए कानून के तहत ग्रामीण परिवारों को साल में 100 दिन की बजाय 125 दिन तक रोजगार की गारंटी देने की बात कही गई है। यह परिवर्तन नाम के साथ-साथ संरचना और फंडिंग में भी बड़े बदलाव लाता है, जिससे केंद्र-राज्य वित्तीय जिम्मेदारी पर भी नया ढांचा तैयार किया गया है। विपक्ष ने महात्मा गांधी का नाम हटाने और सुरक्षा की गारंटी में कटौती/कमी का विरोध किया है।
12 जून के गुजरात के अहमदाबाद से लंदन जा रहा एअर इंडिया का विमान बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर एयरपोर्ट से उड़ान भरते ही हॉस्टल की छत पर गिरकर क्रैश हो गया। इसमें 241 की मौत हो गई। मरने वालों में गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी भी शामिल थे। विजय रूपाणी 2014 से 2021 के बीच दो बार गुजरात के सीएम रहे थे।
झारखंड के पूर्व सीएम शिबू सोरेन भी 4 अगस्त को दुनिया को अलविदा कह गए। वह तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री भी रहे। उनके पुत्र हेमंत सोरेन वर्तमान में झारखंड के मुख्यमंत्री हैं।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपराज्यपाल और गोवा व मेघालय के राज्यपाल रह चुके सत्यपाल मलिक ने 5 अगस्त को दुनिया को अलविदा कह दिया।
दुनिया को अलविदा कहने वाले दिग्गज राजनैतिक हस्तियों में गोवा के पूर्व सीएम रवि एस नाइक का नाम भी शामिल है। 14 अक्टूबर की रात को गोवा के पूर्व सीएम रवि एस नाइक की कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई। वह गोवा के चौथे और 6वें सीएम रहे थे।
मशहूर वकील, सुषमा स्वराज के पति और पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल का बीते 4 दिसंबर को निधन हो गया। वह 1998 से 2004 तक हरियाणा विकास पार्टी से राज्यसभा सांसद रहे। इसके बाद उन्होंने मिजोरम के तीसरे राज्यपाल के तौर पर भी काम किया।
उत्तर प्रदेश के राम मंदिर आंदोलन के मुख्य भूमिका निभाने वालों में से एक और भाजपा के पूर्व सांसद डॉ. रामविलास वेदांती महाराज का 15 दिसंबर को निधन हो गया।