
जदयू के नेता नीतीश कुमार ने बुधवार को 8वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके साथ ही राजद नेता और लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने दूसरी बार डिप्टी सीएम बने। राज्यपाल फागू चौहान ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ लेते ही तेजस्वी ने मंच पर ही नीतीश कुमार के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
नीतीश बोले- 2024 में 2014 वाले नही रहेंगे…
शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नाम लिए बिना भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘2024 में हम रहें या न रहें, 2014 वाले नही रहेंगे। मैं विपक्ष को 2024 के लिए एकजुट होने की अपील करता हूं।’ PM पद के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं इस पद का उम्मीदवार नहीं हूं। वहीं भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा पर भी इशारों में निशाना साधते हुए कहा कि, जिनको लगता है विपक्ष खत्म हो जाएगा, तो हम लोग तो आ ही गए हैं विपक्ष में।
नीतीश कुमार ने आठवीं बार सीएम पद की शपथ ली
नीतीश कुमार ने आज आठवीं बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 21 महीने में यह दूसरा मौका है जब उन्होंने सीएम पद की शपथ ली है। वे साल 2000 में सबसे पहले 7 दिनों के लिए सीएम बने थे।
नई सरकार के मंत्रिमंडल की तस्वीर भी साफ!
वहीं बिहार की नई सरकार के मंत्रिमंडल की तस्वीर भी साफ हो गई है। जानकारी के मुताबिक, कैबिनेट में आरजेडी के सबसे ज्यादा 16 विधायक मंत्री बनेंगे। इसके बाद जेडीयू के 13, कांग्रेस के 4, हम के 1 विधायक नई सरकार में मंत्री बनेंगे। वहीं लेफ्ट पार्टी सरकार को बाहर से स्पोर्ट कर रही हैं।
नीतीश ने बीजेपी से तोड़ा नाता
नीतीश कुमार ने मंगलवार को बीजेपी से नाता तोड़कर महागठबंधन के साथ आने का ऐलान किया था। महागठबंधन में इस बार 7 पार्टियां शामिल हैं। बिहार में 243 विधानसभा सीटें हैं। यानी बहुमत के लिए 122 सीटों की जरूरत है। वहीं, नीतीश कुमार ने 164 विधायकों के समर्थन होने का दावा किया है।
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नीतीश ने दो बार छोड़ा एनडीए का साथ
नरेंद्र मोदी के गठबंधन के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनने के बाद नीतीश कुमार ने 2013 में पहली बार एनडीए का साथ छोड़ा था। इसके बाद 2015 में नीतीश कुमार ने लालू यादव की पार्टी RJD के साथ मिलकर एक महागठबंधन बनाया। चुनाव में जीत के बाद नीतीश मुख्यमंत्री बन गए। इसके बाद 2017 में नीतीश से महागठबंधन से अलग होकर एनडीए में आ गए थे। वह बीजेपी के साथ मिलकर दोबारा बिहार के मुख्यमंत्री बने। 2020 के चुनावों में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। अब 2022 में नीतीश ने फिर से एनडीए का साथ छोड़कर आरजेडी का हाथ थाम लिया है।