Mithilesh Yadav
8 Oct 2025
भोपाल। राजधानी भोपाल में स्मार्ट मीटर और बढ़े हुए बिजली बिलों को लेकर पिछले कुछ महीनों से लगातार विवाद और विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। उपभोक्ताओं का आरोप है कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद से उनके बिजली बिल अचानक बढ़ गए हैं, जिससे आम आदमी पर आर्थिक बोझ बढ़ा है। हालांकि, बिजली कंपनी ने सोमवार को आयोजित एक दो घंटे के सेमिनार में स्मार्ट मीटर को क्लीन चिट देते हुए दावा किया कि सभी रीडिंग सही आ रही हैं और किसी भी उपभोक्ता के बिल में अनियमितता नहीं पाई गई है।
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के डिप्टी चीफ इंजीनियर बीबीएस परिहार ने बताया कि स्मार्ट मीटर से संबंधित सीएम हेल्पलाइन और अन्य माध्यमों से कुल 547 शिकायतें मिली थीं। इन सभी की जांच की गई, लेकिन किसी भी मामले में ज्यादा खपत साबित नहीं हुई। उन्होंने कहा कि कुछ उपभोक्ताओं के पुराने मीटर में गड़बड़ थी, जिसके कारण कम रीडिंग आ रही थी। स्मार्ट मीटर लगने के बाद अब सही खपत दर्ज हो रही है, जिससे बिल अधिक लगने लगा है। हालांकि, यह सभी उपभोक्ताओं पर लागू नहीं होता।
कंपनी के मुताबिक, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत आने वाले 16 जिलों में कुल 41 लाख 35 हजार 791 स्मार्ट मीटर लगाए जाने का लक्ष्य है। भोपाल शहर में अल्फनार पॉवर प्राइवेट लिमिटेड को 2 लाख 34 हजार 530 और अपरावा भोपाल स्मार्ट प्राइवेट लिमिटेड को 3 लाख 62 हजार 425 स्मार्ट मीटर लगाने का अनुबंध किया गया है। सितंबर 2024 से पुराने मीटर बदलकर स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं।
11 अगस्त तक 1 लाख 89 हजार 82 स्मार्ट मीटर इंस्टॉल हो चुके हैं। इनमें से 7372 उपभोक्ताओं के घरों में तुलना के लिए सामान्य इलेक्ट्रॉनिक मीटर भी लगाए गए हैं, लेकिन इनमें भी खपत में कोई अंतर नहीं पाया गया।
अधिकारियों का कहना है कि सामान्य इलेक्ट्रॉनिक मीटर और स्मार्ट मीटर में बिजली खपत दर्ज करने की प्रक्रिया एक जैसी होती है। फर्क सिर्फ इतना है कि स्मार्ट मीटर में एडवांस फीचर्स होते हैं और इनकी रीडिंग रिमोटली ली जाती है, जिससे मानवीय गलती की संभावना खत्म हो जाती है। स्मार्ट मीटर के जरिए बिलिंग प्रक्रिया पारदर्शी होती है और उपभोक्ता को सही आंकड़े मिलते हैं।
स्मार्ट मीटर सेल प्रभारी सीके पंवार ने कहा कि अगर किसी उपभोक्ता को लगता है कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद उसका बिल ज्यादा आ रहा है, तो वह शिकायत दर्ज करा सकता है। शिकायत मिलने पर जांच की जाएगी और जरूरत पड़ने पर मीटर की टेस्टिंग भी की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि स्मार्ट मीटर का उद्देश्य उपभोक्ता को बेहतर और सटीक सेवा देना है, न कि उसका आर्थिक शोषण करना।
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हालांकि, बिजली कंपनी के इन दावों के बावजूद भोपाल में विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले 25 दिनों में स्मार्ट मीटर के खिलाफ पांच बड़े प्रदर्शन हो चुके हैं। गोविंदपुरा समेत कई इलाकों में लोगों ने बिजली ऑफिस का घेराव किया। कांग्रेस नेता मनोज शुक्ला ने आरोप लगाया कि स्मार्ट मीटर आम उपभोक्ता की जेब पर डाका डालने का नया तरीका है। उन्होंने कहा कि बिजली कंपनी तकनीकी शब्दावली के पीछे छिपकर गरीब और मध्यम वर्ग पर आर्थिक बोझ डाल रही है।
सिर्फ राजनीतिक दल ही नहीं, बल्कि सामाजिक संगठन भी स्मार्ट मीटर के खिलाफ खड़े हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम त्योहार कमेटी के अध्यक्ष दानिश खान ने आरोप लगाया कि स्मार्ट मीटर के नाम पर गरीब उपभोक्ताओं को अनाप-शनाप बिल थमाए जा रहे हैं और जबरन पुराना बकाया जोड़ा जा रहा है। उन्होंने घोषणा की कि शहर के कई मोहल्लों और गलियों में स्मार्ट मीटर के विरोध में प्रदर्शन और फ्लैक्स लगाए जाएंगे।