Naresh Bhagoria
5 Nov 2025
भोपाल। भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर अब तैयारियां अंतिम चरण में हैं। सुभाष नगर से एम्स के बीच 6.22 किलोमीटर के प्रायोरिटी कॉरिडोर पर मेट्रो ट्रेन की टेस्टिंग 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से शुरू हो गई है। यही रफ्तार मेट्रो के व्यावसायिक संचालन के दौरान भी रहेगी। फिलहाल परीक्षण के लिए मेट्रो के फेरे बढ़ा दिए गए हैं ताकि सिस्टम की परफॉर्मेंस और सुरक्षा मानकों की पूरी तरह से जांच की जा सके।
एम्स, अलकापुरी और डीआरएम तिराहा जैसे प्रमुख स्टेशनों पर तेजी से कार्य जारी है। खास तौर पर इन स्टेशनों की एंट्री और एग्जिट प्वाइंट्स पर निर्माण कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है। वहीं, मेट्रो डिपो का काम भी अंतिम चरण में है। मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने सभी निर्माण कार्यों को अगस्त-सितंबर तक हर हाल में पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
ट्रायल रन पूरा होने के बाद, भोपाल मेट्रो को तकनीकी मान्यता दिलाने के लिए दो अहम निरीक्षण होंगे। पहला निरीक्षण RDSO (रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन) द्वारा किया जाएगा, जिसके लिए आवश्यक दस्तावेज पहले ही जमा किए जा चुके हैं। RDSO की मंजूरी मिलने के बाद, CMRS (कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी) अंतिम निरीक्षण करेंगे। जब CMRS द्वारा ओके रिपोर्ट मिल जाएगी, तभी मेट्रो में यात्रियों की आवाजाही शुरू हो सकेगी।
भोपाल मेट्रो के शुभारंभ की संभावित तारीख अक्टूबर या नवंबर मानी जा रही है। इससे पहले 31 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदौर मेट्रो का वर्चुअल उद्घाटन किया था। अब भोपाल मेट्रो पर फोकस है, और अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रधानमंत्री ही इसका भी उद्घाटन कर सकते हैं।
भोपाल मेट्रो का पहला रूट एम्स से करोंद तक 16.05 किलोमीटर लंबा है। इसमें से 6.22 किमी का प्रायोरिटी कॉरिडोर 2018 में शुरू किया गया था। इस कॉरिडोर पर अब तक ट्रैक बिछाने, सिविल वर्क, ब्रिज लोड टेस्टिंग और स्टेशन कंस्ट्रक्शन जैसे अहम काम पूरे हो चुके हैं। सुभाष नगर से आरकेएमपी स्टेशन तक का काम पूरा हो चुका है।