
भोपाल। मध्य प्रदेश में बिजली विभाग के हजारों संविदा कर्मचारी अपनी लंबे समय से लंबित मांगों को लेकर 13 जुलाई को राजधानी भोपाल में प्रदर्शन करेंगे। यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्प्लाई एंड इंजीनियर्स के बैनर तले यह विरोध प्रदर्शन राजधानी के नीलम पार्क में आयोजित होगा, जिसमें प्रदेश के कोने-कोने से बिजलीकर्मी शामिल होंगे।
फोरम के प्रवक्ता लोकेंद्र श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि यह आंदोलन सरकार द्वारा बार-बार किए गए वादों के बावजूद बातचीत न होने के कारण किया जा रहा है।
सरकार से चर्चा की समयसीमा बीती, अब होगा आंदोलन
बिजलीकर्मियों का कहना है कि उन्होंने 4 जुलाई तक सरकार को संवाद और समाधान के लिए समय दिया था, लेकिन कोई वार्ता नहीं हुई। इससे नाराज होकर अब सभी कर्मचारी और इंजीनियर 13 जुलाई को प्रदर्शन करने को बाध्य हैं।
5000 संविदा कर्मचारियों का भविष्य असुरक्षित
बिजली विभाग में इस समय करीब 5000 संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनकी भर्ती पूरी चयन प्रक्रिया लिखित परीक्षा, साक्षात्कार और मेरिट के माध्यम से हुई थी। प्रवक्ता श्रीवास्तव के अनुसार, कई संविदा कर्मचारी 10 से 12 वर्षों का अनुभव रखते हैं, लेकिन भविष्य की अनिश्चितता के कारण बड़ी संख्या में कर्मचारी नौकरी छोड़ रहे हैं। विशेष रूप से ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन विभाग में 100 से अधिक संविदाकर्मी अब तक इस्तीफा दे चुके हैं। उनका यह भी कहना है कि अगर आंदोलन लंबा चला, तो बिजली आपूर्ति व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
यह हैं बिजलीकर्मियों की 9 प्रमुख मांगें
- संविदा कर्मचारियों को सीधे नियमित किया जाए।
- गृह जिला ट्रांसफर नीति (कंपनी टू कंपनी) लागू की जाए।
- संविदा नीति 2023 में महंगाई भत्ता (DA) और वार्षिक वेतन वृद्धि (इंक्रीमेंट) जोड़ी जाए।
- राजस्व सहायक और कार्यालय सहायक पदों को उनकी शैक्षणिक योग्यता के अनुसार तकनीकी पद में बदला जाए व प्रथम हायर स्केल दिया जाए।
- मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में संविदा परीक्षण सहायकों की वेतन विसंगति दूर की जाए।
- संविदा नीति 2023 में निर्धारित भर्ती में 50% आरक्षण सुनिश्चित किया जाए।
- राष्ट्रीय और उत्सव अवकाश पर कार्य करने वाले संविदाकर्मियों को दोगुना मानदेय दिया जाए।
- नियमित कर्मचारियों की तरह 9, 18 और 35 वर्ष की सेवा पर उच्च वेतनमान और पदोन्नति दी जाए।
- संविदा से शासकीय सेवा में नियुक्त कर्मचारियों के लिए 3 वर्ष की परीक्षा अवधि (70, 80, 90 नियम) समाप्त की जाए।
क्या है यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्प्लाई एंड इंजीनियर्स
यूनाइटेड फोरम फॉर पावर मध्य प्रदेश के बिजली विभाग में कार्यरत कर्मचारियों और इंजीनियरों का एक संयुक्त संगठन है, जो उनके हितों की रक्षा, वेतन-संवितरण, प्रमोशन, और कार्यस्थल न्याय जैसे मुद्दों पर सरकार और विभाग से लगातार संवाद करता है। यह फोरम न केवल कर्मचारियों की आवाज उठाता है, बल्कि बिजली क्षेत्र को मजबूत करने के लिए सरकार को नीतिगत सुझाव भी देता है।