Aakash Waghmare
17 Oct 2025
बेंगलुरु। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। शहर के एक प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में सातवें सेमेस्टर की छात्रा से उसके ही क्लासमेट ने कैंपस के अंदर रेप किया। पुलिस ने आरोपी छात्र जीवन गौड़ा (उम्र 21) को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी है। यह घटना 10 अक्टूबर की बताई जा रही है, जबकि पीड़िता ने 15 अक्टूबर को FIR दर्ज कराई।
FIR के मुताबिक, पीड़िता और आरोपी एक-दूसरे को पहले से जानते थे। पहले दोनों एक ही क्लास में पढ़ते थे, लेकिन आरोपी के फेल हो जाने की वजह से वो अभी छठे सेमेस्टर में था। घटना वाले दिन लंच ब्रेक के दौरान आरोपी गौड़ा ने पीड़िता को कई बार फोन कर सातवीं मंजिल पर मिलने के लिए बुलाया। जब वह पहुंची तो आरोपी जबरदस्ती उसे चूमने की कोशिश करने लगा। छात्रा वहां से भागी, लेकिन आरोपी उसका पीछा करते हुए छठी मंजिल तक पहुंचा और उसे पुरुषों के टॉयलेट में घसीटकर ले गया।
अंदर दरवाजा बंद कर उसने छात्रा के साथ रेप किया। इस दौरान पीड़िता का मोबाइल फोन बजा तो आरोपी ने उसका फोन भी छीन लिया।
घटना के बाद आरोपी ने पीड़िता को फोन कर कहा कि, “क्या तुम्हें पिल्स (गर्भनिरोधक दवा) की जरूरत है?” यह सुनने के बाद पीड़िता डर गई और कुछ समय तक किसी को कुछ नहीं बताया। बाद में उसने अपनी दो सहेलियों को पूरी बात बताई। उन्होंने उसे माता-पिता को बताने की सलाह दी, जिसके बाद उसने हिम्मत जुटाई और 15 अक्टूबर को हनुमंतनगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने 16 अक्टूबर को कॉलेज पहुंचकर क्राइम सीन रीक्रिएट किया। जांच में पता चला कि, जिस सातवीं मंजिल पर घटना हुई, वहां कोई CCTV कैमरा नहीं था, जिससे अब पुलिस को सबूत जुटाने में मुश्किल हो रही है। हालांकि, पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इसके साथ ही अब फोरेंसिक और डिजिटल सबूतों की जांच की जा रही है।
पुलिस ने बताया कि, कॉलेज प्रशासन से भी सवाल किए जा रहे हैं कि कैंपस में CCTV व्यवस्था क्यों नहीं थी और कैसे छात्र-छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है।
इस घटना के बाद छात्रों और अभिभावकों में गुस्सा और चिंता दोनों देखने को मिल रहे हैं। लोग कॉलेज प्रशासन और पुलिस से महिलाओं की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी यह मामला तेजी से चर्चा में है। लोग पूछ रहे हैं कि “अगर कॉलेज परिसर में भी छात्राएं सुरक्षित नहीं हैं, तो आखिर कहां हैं?”