People's Reporter
5 Nov 2025
Aakash Waghmare
4 Nov 2025
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अब राष्ट्रीय खेल विधेयक के दायरे में आने जा रहा है। भले ही BCCI सरकार से कोई वित्तीय सहायता नहीं लेता, लेकिन ओलंपिक जैसे वैश्विक मंचों पर भारतीय क्रिकेट टीम की संभावित भागीदारी को देखते हुए यह फैसला पहले से ही संभावित माना जा रहा था। मंगलवार को युवा मामले और खेल मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक 2025 (Draft National Sports Governance Bill, 2025) का प्रारूप जारी किया, जिसके अंतर्गत अब BCCI को भी एक राष्ट्रीय खेल महासंघ (NSF) माना जाएगा।
वर्तमान में BCCI एक स्वायत्त संस्था है जो अपने संचालन के लिए सरकार पर निर्भर नहीं है। लेकिन राष्ट्रीय खेल विधेयक के लागू होने के बाद BCCI को भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त एक राष्ट्रीय खेल महासंघ माना जाएगा और इसे खेल मंत्रालय के नियमों और दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। गौरतलब है कि वर्ष 2020 में BCCI को सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम के अंतर्गत लाया गया था, लेकिन अब इसका दायरा और व्यापक हो जाएगा।
इस विधेयक की सबसे अहम विशेषताओं में से एक यह है कि यह पहली बार खिलाड़ियों को नीति निर्माण की प्रक्रिया का हिस्सा बनाएगा। इसके तहत सभी राष्ट्रीय खेल महासंघों को एथलीट समिति बनानी होगी। इन समितियों में खिलाड़ी अपनी चिंताओं को औपचारिक रूप से दर्ज करा सकेंगे। प्रत्येक कार्यकारी समिति में दो उत्कृष्ट खिलाड़ी अनिवार्य रूप से शामिल किए जाएंगे। महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए कम से कम चार महिला प्रतिनिधि अनिवार्य होंगी।
विधेयक के अनुसार, खेल विवादों का शीघ्र निपटारा सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्रीय खेल न्यायाधिकरण (National Sports Tribunal) की स्थापना की जाएगी। यह संस्था खेल से जुड़े सभी विवादों के समाधान का विशेष मंच होगी। इसके निर्णयों को केवल सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकेगी। इससे खिलाड़ियों के करियर को प्रभावित करने वाली लंबी कानूनी प्रक्रियाओं में देरी से बचा जा सकेगा।