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Bengaluru Stampede : आरसीबी, इवेंट मैनेजर और KSCA पर FIR दर्ज, कर्नाटक हाईकोर्ट ने सरकार से 10 जून तक मांगी स्टेटस रिपोर्ट

बेंगलुरु। आईपीएल-2025 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की ऐतिहासिक जीत के बाद 4 जून को आयोजित हुए सम्मान समारोह में हुई भयावह भगदड़ का मामला अब कानूनी रूप से गंभीर मोड़ ले चुका है। कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन में RCB, इवेंट मैनेजमेंट कंपनी DNA, KSCA (कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन) की प्रशासनिक समिति और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर में भगदड़ को आपराधिक लापरवाही का नतीजा बताया गया है।

समारोह में उमड़ी भीड़, 11 की मौत

चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर आयोजित इस जश्न के दौरान स्टेडियम में फ्री एंट्री के ऐलान के बाद करीब 2.5 लाख लोग जुट गए, जबकि स्टेडियम की क्षमता महज 30 हजार थी। भारी भीड़ के दबाव में गेट पर भगदड़ मच गई, जिसमें 11 लोगों की जान चली गई और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए। घटना के बाद पूरे राज्य में आक्रोश और शोक की लहर दौड़ गई।

हाई कोर्ट ने स्वतः लिया संज्ञान, सरकार से मांगी रिपोर्ट

गुरुवार को कर्नाटक हाई कोर्ट ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को 10 जून तक विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी. कामेश्वर राव और जस्टिस सीएम जोशी की खंडपीठ ने कहा कि यह मामला अब जनहित याचिका के रूप में कोर्ट की रजिस्ट्री में दर्ज किया जाएगा।

एसओपी का पालन करना जरूरी था : हाई कोर्ट

हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इतने बड़े सार्वजनिक आयोजन के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) का पालन अनिवार्य था। अदालत ने यह भी पूछा कि घटनास्थल पर पर्याप्त एंबुलेंस और पास के अस्पतालों की जानकारी उपलब्ध क्यों नहीं थी। इस पर एडवोकेट जनरल शशि किरण शेट्टी ने बताया कि कुछ एंबुलेंस मौके पर थीं लेकिन इतनी बड़ी घटना के लिए पर्याप्त नहीं थीं।

हम चूक की जांच कर रहे हैं : राज्य सरकार

एडवोकेट जनरल शशि किरण शेट्टी ने कोर्ट में कहा, राज्य सरकार इस त्रासदी को नकारात्मक नजरिए से नहीं देखना चाहती बल्कि यह जानना चाहती है कि चूक कहां हुई और भविष्य में ऐसी घटना कैसे रोकी जा सकती है। उन्होंने दोषारोपण को उचित नहीं बताया और कहा कि मजिस्ट्रेट जांच पहले ही शुरू हो चुकी है और 15 दिन में पूरी कर ली जाएगी।

कोई नहीं बख्शा जाएगा : कोर्ट

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इस त्रासदी के जिम्मेदार किसी भी व्यक्ति या संस्था को बख्शा नहीं जाएगा। सुरक्षा मानकों में कोताही और अव्यवस्थित आयोजन व्यवस्था को लेकर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है।

कैसे और क्यों हुआ हादसा?

फ्री पास और साइट क्रैश: आरसीबी ने स्टेडियम में सेलिब्रेशन के लिए फ्री पास जारी किए थे। जैसे ही सोशल मीडिया पर लिंक शेयर हुई, भारी संख्या में लोग वेबसाइट पर टूट पड़े जिससे साइट क्रैश हो गई।

बिना पास भी पहुंचे फैंस: जिन लोगों को पास नहीं मिला, वे भी स्टेडियम की ओर उमड़ पड़े। इससे भीड़ का अंदाजा लगाना मुश्किल हो गया।

गेट पर टूट पड़ा जनसैलाब: गेट नंबर 10, 12 और 13 पर लोग घुसने की कोशिश करने लगे, पुलिस ने लाठीचार्ज किया। नाले पर रखा स्लैब ढह गया और भगदड़ शुरू हो गई।

3 लाख से ज्यादा की भीड़: स्टेडियम की क्षमता 35,000 थी, लेकिन बाहर 3 लाख से अधिक लोग जमा थे। दोपहर 3:30 बजे के बाद हालात बिगड़ते चले गए।

घटना की टाइमलाइन

3 जून रात 11 बजे: RCB की जीत के बाद बेंगलुरु की सड़कों पर फैंस का हुजूम जमा होने लगा।

4 जून सुबह: विक्ट्री परेड की घोषणा के बाद भीड़ तेजी से विधानसभा और स्टेडियम की ओर बढ़ी।

4 जून दोपहर 3:30 बजे: टीम के एयरपोर्ट पहुंचने के बाद स्टेडियम के गेट्स पर भीड़ बेकाबू हो गई।

शाम 4:30 बजे: भगदड़ की शुरुआत हुई, कई लोग जमीन पर गिर पड़े और भीड़ उन्हें कुचलती चली गई।

शाम 7:50 बजे: मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में 11 मौतों और 33 घायलों की पुष्टि की।

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