Manisha Dhanwani
18 Dec 2025
पल्लवी वाघेला, भोपाल। कहीं पत्नी को गांव में बसे ससुराल की आबो हवा से दिक्कत है तो कहीं पति को पत्नी के फोन चलाने की आदत से मसला है। मायके वालों का हस्तक्षेप तो वहीं पति को शक की आदत और सास के ताने भी विवाद की वजह बन रहे हैं। अमूमन यह चीजें घर की आपसी कहासुनी का हिस्सा होती थीं और कुछ साल पहले तक घर की चारदीवारी में ही सुलझ जाया करती थी, लेकिन अब रिश्तों का गणित बदल रहा है। ये कहा-सुनी कोर्ट तक पहुंच रही है। यही वजह है कि प्रदेश भर की फैमिली कोर्ट में हर साल पारिवारिक विवाद के केस में इजाफा हो रहा है। अकेले इंदौर जिले में हर माह 300 से ज्यादा मामले पहुंचे हैं, वहीं प्रदेश के अन्य महानगरों के भी यही हाल हैं।
एडवोकेट एवं फैमिली कोर्ट में काउंसलर सरिता राजानी के मुताबिक दंपति के बीच ईगो और कुछ मामलों में बेटी को माता-पिता का ब्लाइंड सपोर्ट भी तलाक की वजह है। इसके अलावा दंपति का मोबाइल में बिजी रहना, विश्वास- सामंजस्य में कमी भी झगड़े बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि बढ़ते मामले देखकर कोर्ट भी बढ़ाए गए हैं। वहीं ऊर्जा डेस्क और पायलट प्रोजेक्ट आदि तैयार कर मामलों को कोर्ट तक पहुंचने से रोकने के प्रयास हो रहे हैं। ज्यादातर मामलों में विवाद की वजह मामूली होती है और काउंसलिंग के बाद 50 फीसद दंपति राजीनामे को तैयार हो जाते हैं।
एक पत्नी ने पति से इसलिए तलाक मांगा क्योंकि वह गोवा का कहकर अयोध्या घूमाने ले गया था। एक अन्य मामले में इंदौर की युवती और भोपाल के युवक में पालतू जानवर विवाद का कारण बने। वहीं, एक पति ने इसलिए तलाक मांगा क्योंकि उसे पत्नी का काम करना पसंद नहीं।
शहर 2024 2025
इंदौर 2432 3651
भोपाल 2415 3400
ग्वालियर 1775 2497
जबलपुर 1263 2205
( फैमिली कोर्ट की वेबसाइट से प्राप्त सिविल और क्रिमिनल 10 दिसंबर मामले)
रिश्तों को बचाने महत्वपूर्ण कदम उठाएं। अपने पार्टनर के प्रति समझ और सम्मान रखना, दूसरा है स्वयं के प्रति जागरूकता। इससे विवाद बढ़ने के बजाय पति-पत्नी में संवाद स्थापित करने में मदद मिलेगी। डॉ. दीप्ति सिंघल, साइकोलॉजिस्ट काउंसलर
पिछले एक दशक में लगभग 40 फीसद विवाह तलाक और अलगाव में समाप्त हुए हैं। देश में कुटुंब न्यायालयों की संख्या बढ़ते मामलों से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं है। अब मध्यस्थता पर जोर दिया जा रहा है, ताकि परिवारों को बचाया जा सके।
डॉ. प्रतिभा राजगोपाल, संचालक मध्यस्थता केंद्र