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एंटरटेनमेंट डेस्क। भारतीय संगीत जगत से बेहद दुखद खबर सामने आई है। बॉलीवुड के मशहूर गायक और असम के सांस्कृतिक प्रतीक जुबिन गर्ग का 52 साल की उम्र में निधन हो गया। रिपोर्ट्स के अनुसार, जुबिन गर्ग सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान हादसे का शिकार हो गए। पुलिस ने उन्हें समुद्र से रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके। उनके निधन की खबर से न केवल असम बल्कि पूरे देश की संगीत इंडस्ट्री और फैंस में गहरा शोक है।
जुबिन गर्ग नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल में परफॉर्म करने के लिए सिंगापुर गए थे। 19 से 21 सितंबर तक होने वाले इस फेस्टिवल में उनका शो शुक्रवार को निर्धारित था। लेकिन शो से कुछ घंटे पहले ही यह दर्दनाक हादसा हो गया। उनके अचानक निधन से फेस्टिवल का माहौल गमगीन हो गया और लाखों प्रशंसकों में मातम पसर गया।
बॉलीवुड फिल्म गैंगस्टर (2006) के सुपरहिट गाने ‘या अली’ से जुबिन गर्ग को देशभर में पहचान मिली। इस गाने ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया। उनकी अनोखी आवाज और अंदाज़ ने उन्हें भारतीय संगीत की दुनिया में अलग मुकाम दिलाया। हिंदी के अलावा उन्होंने असमी, बंगाली और अन्य 40 से ज्यादा भाषाओं में गाने गाए। उनकी बहुमुखी प्रतिभा ने उन्हें न सिर्फ गायक बल्कि संगीतकार और कंपोजर के रूप में भी लोकप्रिय बनाया।
जुबिन गर्ग को असम का सांस्कृतिक स्तंभ माना जाता था। उनके निधन पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, "आज असम ने अपने सबसे चहेते बेटे को खो दिया। जुबिन गर्ग सिर्फ गायक नहीं थे, बल्कि असम की आत्मा थे। उनका जाना एक ऐसा खालीपन है जिसे कभी भरा नहीं जा सकता।"
वहीं कैबिनेट मंत्री अशोक सिंघल ने कहा कि असम ने अपनी धड़कन खो दी है। उनके गाने आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे।
सोशल मीडिया पर जुबिन गर्ग के चाहने वाले उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। कई फैंस ने लिखा कि यह केवल असम ही नहीं बल्कि पूरे देश की संगीत इंडस्ट्री के लिए बड़ी क्षति है। बॉलीवुड से लेकर असमिया संगीत जगत तक, हर जगह जुबिन की जादुई आवाज़ और उनकी रचनाओं को हमेशा याद किया जाएगा।
जुबिन गर्ग ने अपने करियर में न सिर्फ हिंदी बल्कि असमी, बंगाली और कई अन्य भाषाओं में गाने गाकर क्षेत्रीय संगीत को नई पहचान दी। उनका संगीत युवाओं के लिए ऊर्जा और सुकून का स्रोत रहा। उन्हें असम की संस्कृति और अस्मिता का प्रतीक माना जाता था।