नई दिल्ली। एशिया कप 2025 के तहत आज (14 सितंबर) दुबई में भारत और पाकिस्तान के बीच टी-20 मुकाबला होना है। यह मुकाबला विशेष रूप से संवेदनशील बन गया है क्योंकि अप्रैल में हुए पहलगाम आतंकी हमले और मई में ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह पहला अंतरराष्ट्रीय मैच है। देशभर में इस मैच को लेकर विरोध, समर्थन और बहस चल रही है।
देशभर में विरोध और राजनीतिक बवाल
पहलागाम हमले में मारे गए 26 नागरिकों के बाद कई राजनीतिक दल और नेता मैच के विरोध में सामने आए हैं।
असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM प्रमुख, सांसद हैदराबाद) ने सवाल उठाया कि क्या मैच से मिलने वाले पैसे इन 26 नागरिकों की जान से ज्यादा कीमती हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्रियों से पूछा कि क्या पाकिस्तान के खिलाफ क्रिकेट खेलने से इनकार करने का अधिकार नहीं है।
शिवसेना UBT गुट के उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में महिला कार्यकर्ताओं के माध्यम से सिंदूर इकट्ठा कर प्रधानमंत्री को भेजने की योजना बनाई और मैच का विरोध किया।
IFTDA अध्यक्ष अशोक पंडित ने इसे देश के लिए काला दिन बताया और आयोजकों पर असंवेदनशील होने का आरोप लगाया।
सोशल मीडिया पर बहिष्कार की अपील
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर #BoycottINDvPAK और #PahalgamTerroristAttack ट्रेंड कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि पहलगाम आतंकवाद के आरोपी पाकिस्तान के खिलाफ मैच आयोजित करना असंवेदनशील है। कई यूजर्स ने टीवी चैनल और स्टेडियम में मैच न देखने की अपील की।
पीड़ित परिवारों की प्रतिक्रिया
- सावन परमार, जिन्होंने अपने पिता और भाई को खोया, ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अब बेकार लगता है और पाकिस्तान के खिलाफ किसी भी संबंध की अनुमति नहीं होनी चाहिए।
- उनकी मां किरण यतीश परमार ने प्रधानमंत्री से सवाल किया कि जब जख्म अभी भरे नहीं हैं, तो मैच क्यों आयोजित किया जा रहा है।
- कानपुर के शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशान्या ने भी लोगों से मैच का बहिष्कार करने की अपील की।
समर्थन करने वाले पक्ष
कुछ लोग और संगठन टीम इंडिया के समर्थन में खड़े हैं:
- विश्व हिंदू रक्षा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल राय ने कहा कि भारत हमेशा जीतता है और खेल के जरिए पाकिस्तान को हराना एक संदेश है।
- लखनऊ और वाराणसी में हवन-पूजा और आरती आयोजित की गई, जिसमें लोगों ने टीम इंडिया की जीत की कामना की।
BCCI का रुख
BCCI सचिव देवजीत सैकिया ने कहा कि यह एक बहुराष्ट्रीय टूर्नामेंट है और भारत सरकार की नीति के अनुसार टीम इंडिया को खेलने से रोक नहीं सकते। उन्होंने भरोसा जताया कि टीम इंडिया पूरी ताकत से मुकाबले में उतरेगी और जीत सुनिश्चित करेगी।
पूर्व क्रिकेटर मदन लाल ने भी कहा कि जब सरकार ने अनुमति दी है तो किसी को समस्या नहीं होनी चाहिए। मेजबान के नाते भारत का पाकिस्तान को बुलाना सही है।
विपक्ष और नेताओं की प्रतिक्रिया
- असदुद्दीन ओवैसी ने स्पष्ट किया कि भारत के लिए 26 नागरिकों की जान और उनकी भावनाएं ही सर्वोपरि हैं।
- आदित्य ठाकरे ने पूछा कि क्या BCCI और खेल आयोजन सरकार से भी ज्यादा ताकतवर हो गए हैं?
- अनुराग ठाकुर (भाजपा सांसद) ने कहा कि बहुपक्षीय टूर्नामेंटों में भाग लेना आवश्यक है, द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेली जाती।
- जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी कहा कि टूर्नामेंट के बहुपक्षीय हिस्से पर कोई आपत्ति नहीं थी, लेकिन संवेदनशील मुद्दों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
भारत-पाक मुकाबला: विवादों में घिरा
- इस मुकाबले ने खेल के मैदान को राजनीतिक और सामाजिक बहस का विषय बना दिया है।
- विरोधी दल और संगठनों का कहना है कि खून और खेल साथ-साथ नहीं चल सकते।
- समर्थक पक्ष का मानना है कि बहुराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भाग लेना जरूरी है और भारत को पाकिस्तान को मैदान में हराने का मौका नहीं खोना चाहिए।
- देशभर में हवन-पूजा, सोशल मीडिया बहिष्कार और विरोध प्रदर्शन के बीच, आज दुबई में भारत और पाकिस्तान के बीच यह मुकाबला खेला जाएगा। मुकाबले का परिणाम भले ही तय होगा, लेकिन इसके सामाजिक और राजनीतिक असर लंबे समय तक चर्चा का विषय बने रहेंगे।