Mithilesh Yadav
4 Nov 2025
Mithilesh Yadav
4 Nov 2025
Aakash Waghmare
4 Nov 2025
Mithilesh Yadav
4 Nov 2025
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में सोमवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में एक विशेष वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें करीब 4,000 पौधे रोपे गए। इस कार्यक्रम का उद्देश्य राजधानी भोपाल को हरियाली से समृद्ध बनाना और जन-जागरण के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना था।
इस आयोजन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघचालक अशोक पांडे, सामाजिक न्याय मंत्री नारायण सिंह कुशवाह, भोपाल उत्तर के विधायक भगवानदास सबनानी, भोपाल महापौर मालती राय और भोजपाल मित्र संस्था के कार्यकर्ता भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सभी ने सामूहिक रूप से वृक्षारोपण में भाग लिया और पर्यावरण सुरक्षा का संकल्प लिया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि आज यहां 4 हजार पौधे लगाए जा रहे हैं और पूरे भोपाल नगर में 5,100 पौधे लगाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि पृथ्वी पर जीवन वृक्षों के बिना संभव नहीं है। वृक्षों से प्राप्त ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का संतुलन ही पर्यावरण को संतुलित बनाए रखता है। सीएम ने गर्व के साथ बताया कि मध्यप्रदेश देश का वह राज्य है जहां सबसे अधिक वन संपदा है। उन्होंने कहा कि हम आर्थिक समृद्धि की ओर तो बढ़ ही रहे हैं, लेकिन साथ ही हमें प्राकृतिक समृद्धि और वन संरक्षण को भी प्राथमिकता देनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने वृक्षारोपण के सांस्कृतिक पक्ष को भी रेखांकित करते हुए कहा कि हमारी सनातन संस्कृति में पेड़-पौधों के साथ वैसा ही आत्मीय रिश्ता है जैसा रक्षाबंधन में भाई-बहन के बीच होता है। बहनें अपने आंगन में लगे पौधों को राखी बांधकर अपनी भावनाएं प्रकट करती हैं। यह हमारी संस्कृति में प्रकृति के साथ संबंध का जीवंत उदाहरण है।
मुख्यमंत्री ने संग्रहालय परिसर में बेलपत्र का पौधा रोपित कर वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत की। उन्होंने मीडिया से चर्चा में बताया कि पूरे प्रदेश में व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण अभियान चलाया जाएगा। साथ ही उन्होंने नागरिकों से अपील की कि सिर्फ पौधा लगाना पर्याप्त नहीं है, बल्कि उसकी देखरेख तब तक करें जब तक वह बड़ा न हो जाए।
मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि संग्रहालय का पूरा इलाका आज से चार महीने पहले ही प्रधानमंत्री जी ने अपनी उपस्थिति से हमारे जनजीवन के साथ मप्र को समृद्ध बनाने का संकल्प कराया। एक तरफ हम आर्थिक समृद्धि की तरफ जाना चाह रहे हैं। दूसरे तरफ वन संपदा में भी समृद्धि आना चाहिए।