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दिग्गज निवेशक और बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन 94 वर्षीय वॉरेन बफेट ने हाल ही में अपनी कंपनी बर्कशायर हैथवे के 6 अरब डॉलर यानी लगभग 51,300 करोड़ रुपए मूल्य के शेयर दान कर दिए हैं। यह दान उनकी अब तक की सबसे बड़ी सालाना डोनेशन है। इस योगदान के बाद बफेट द्वारा पिछले दो दशकों में किए गए कुल दान की राशि 60 अरब डॉलर (5.13 लाख करोड़ रुपए) हो गई है।
वॉरेन बफेट के इस ताजा दान में सबसे बड़ा हिस्सा गेट्स फाउंडेशन को मिला है, जिसे उन्होंने 94.3 लाख शेयर प्रदान किए। इसके अलावा, उन्होंने अपनी दिवंगत पत्नी के नाम पर स्थापित सुसान थॉम्पसन बफेट फाउंडेशन को 43,384 शेयर दान किए। विशेष बात यह रही कि उन्होंने अपने तीनों बच्चों के ट्रस्ट को भी बराबरी के हिस्से में कुल 19.81 लाख शेयर सौंपे।
हावर्ड बफेट के हावर्ड जी. फाउंडेशन, सूसी बफेट के शेयरवुड फाउंडेशन और पीटर बफेट के NoVo फाउंडेशन तीनों को समान रूप से 6,60,366 शेयर मिले।
वॉरेन बफेट ने 2006 में यह संकल्प लिया था कि वे अपनी अधिकांश संपत्ति समाज सेवा के लिए दान करेंगे। उस समय से अब तक वे हर वर्ष नियमित रूप से बर्कशायर के शेयर दान करते आ रहे हैं। इस ताजा दान को मिलाकर बफेट अब तक कुल 60 अरब डॉलर मूल्य की संपत्ति दान कर चुके हैं। इसके बावजूद उनके पास अभी भी बर्कशायर हैथवे के करीब 13.8% शेयर बचे हैं।
पिछले साल बफेट ने अपनी वसीयत में बड़ा बदलाव करते हुए यह निर्णय लिया कि उनकी मृत्यु के बाद उनकी कुल संपत्ति का 99.5% भाग एक चैरिटेबल ट्रस्ट को सौंपा जाएगा। यह ट्रस्ट उनके तीनों बच्चे सूसी, हावर्ड और पीटर मिलकर संभालेंगे। इस ट्रस्ट की यह जिम्मेदारी होगी कि वह बफेट की विरासत को 10 वर्षों के भीतर समाज सेवा में व्यय करे।
बफेट के तीनों बच्चे पहले से ही समाज सेवा में सक्रिय हैं। सूसी बफेट 71 साल की हैं, वो शिक्षा और महिलाओं के सशक्तिकरण से जुड़े कार्यक्रमों में योगदान देती हैं। हावर्ड बफेट (70) कृषि, गरीबी उन्मूलन और वैश्विक भूखमरी के समाधान में सक्रिय हैं। वहीं, 67 वर्षीय पीटर बफेट नोवो फाउंडेशन के माध्यम से सामाजिक न्याय, लिंग समानता और रचनात्मकता को बढ़ावा दे रहे हैं।
इतनी बड़ी संपत्ति के मालिक होने के बावजूद वॉरेन बफेट सादगी के प्रतीक बने हुए हैं। वे आज भी 1958 में खरीदे अपने पुराने ओमाहा स्थित घर में रहते हैं। वे निजी विमानों का कम से कम उपयोग करते हैं और अपने लिए अधिक खर्च करना पसंद नहीं करते।