बीते पांच महीनों से प्रदेश की बागडोर संभालते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एक व्यापक दृष्टिकोण के साथ विकास का खाका खींच रहे हैं। वे पार्टी की जिम्मेदारी उठाते हुए उत्साह से सराबोर हैं तो लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद प्रदेश के कार्यों को लेकर गंभीर भी। आने वाले वर्षों में प्रदेश की क्या तस्वीर हो इसके लिए लगातार चिंतन कर रहे हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे विषय और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटियों पर खरे उतरना उनकी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर है। प्रदेश में यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) लागू करने के लिए भी केंद्र के इशारे का इंतजार कर रहे हैं। राजनीतिक गतिविधियों के पार्टी पर प्रभाव और चुनाव बाद प्रदेश को लेकर किए गए प्लान पर पीपुल्स समाचार के स्टेट एडिटर
मनीष दीक्षित ने उनसे बातचीत की। प्रस्तुत है बातचीत के मुख्य अंश
1.मध्यप्रदेश में सरकार संभाले आपको 5 माह बीत गए..अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि-निर्णय क्या मानते हैं? - वैसे तो 5 वर्ष की सरकार के लिए 5 महीने में रिपोर्ट पूछना थोड़ा ज्यादा जल्दी हो जाता है, लेकिन मुझे इस बात का संतोष है कि मैंने प्रशासनिक कसावट की है। गरीबों का विश्वास जीता है, उनकी इज्जत का खयाल रखा है। कुछ निर्णय भी किए जैसे - पीएससी के 800 अधिकारियों को एक दिन में नियुक्ति दी, 10,000 पटवारियों की भर्ती कर मैसेज दिया कि काम में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। धार्मिक पर्यटन के लिए हेलिकॉप्टर सर्विस, एयर एम्बुलेंस सुविधा भी आरंभ की। उज्जैन में समिट की, दो महीनो में दो यूनिवर्सिटी भी आरंभ कर दीं। मप्र में बीजेपी की सरकार विकास पर नवाचार करने व दिलों पर छाप छोड़ने वाली सरकार है।
2.भाजपा ने कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दिया था, लगता है सबसे बड़ी आहुति तो मध्यप्रदेश ने दी है ? - मध्यप्रदेश तो वह स्थान है जहां सबसे पहले जनसंघ के जमाने से भाजपा की विचारधारा को अपनाया गया। स्वाभाविक रूप से उसकी अनुकूलता रहेगी जिसका लाभ हमें मिल रहा है। यदि किसी को भाजपा की विचारधारा से मेल लगता है, तभी तो वे यहां आते हैं। कांग्रेस का डाउनफॉल लगातार जारी है।
3.इसका असर आपकी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर तो नहीं पड़ रहा? -ऐसा नहीं लगता, हम लोग तो सबका स्वागत करते हैं। जो आ रहे हैं वे पार्टी में घुल-मिल जाएंगे।
4.मोदी जी कह चुके हंै कि तीसरी बार सरकार बनने के बाद उनके पास 100 दिन का प्लान है। चुनाव के बाद आपकी प्राथमिकता क्या रहेगी? - करना ही पड़ेगा, नहीं करेंगे तो चलेगा कैसे? प्रदेश के 55 जिलों के अंदर सभी तरह के विकास के कामों की दरकार है, उसे पूरा किया जाएगा। रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ के क्षेत्रों में प्राथमिकता से काम करना है। हमें सरकार की मदद से बड़े पैमाने पर रोजगारपरक उद्योग स्थापित भी करवाना है और किसानों की आय भी बढ़ानी है।
5.प्रदेश में यूनिफॉर्म सिविल कोड कब से लागू करेंगे? - जैसे ही केंद्र सरकार का इशारा होगा, हम भी लागू करेंगे। दिल्ली से इस विषय पर हम संपर्क में हैं। सिद्धांतत: हमारी पार्टी यह निर्णय ले चुकी है कि इसे पूरे देश में लागू करेंगे। चरण कौन सा, किस राज्य में होगा यह केंद्र सरकार से बातचीत कर लागू करेंगे।
6.
पब्लिक से आपका जबर्दस्त कनेक्ट है ,ऐसे में महंगाई और बेरोजगारी पर आपके मित्रों- करीबियों का कैसा फीडबैक है? - देखिए एक बात बताता हूं, हमारा प्रदेश एक कृषि आधारित प्रदेश है। बड़े पैमाने पर ऐसा नहीं है कि लोग फालतू बैठे हैं, रोजगार तो उनके पास है। उनका जीवन स्तर और बेहतर करने की जरूरत है जिसके लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। नई टेक्नोलॉजी का लाभ लेते हुए काम कर रहे हैं, जिससे सभी क्षेत्रों में अनुकूल अवसर मिले।
7.
मीडिया में इस तरह की खबरें भी चलीं कि पार्टी हाईकमान ने कहा है -जहां कम वोट पड़े वहां मंत्री बदले जाएंगे। यह कब से होगा? - यह तो पार्टी के वरिष्ठों का निर्णय रहता है। अगर आपको मंत्री बनाया है, विधायक बनाया है, सांसद हैं तो आपके क्षेत्र में आपके प्रति यह भाव आना ही चाहिए कि हमारे लिए दोबारा विचार न हो। यह संतोष की बात है जिस प्रकार का माहौल बना है उसमें सभी का लाभ दिख रहा है।
8.लाड़ली बहना के तहत दी जाने वाली राशि को 3000 तक बढ़ाने का वादा था उसका क्या हुआ ? - निश्चित ही हम वह करेंगे।
9. लोकसभा चुनाव में कम वोटिंग हुई, कहा जा रहा है कि लोकल नेता और विधायक निकले ही नहीं! चुनाव केंद्रीय नेताओं पर केंद्रित था या जनता में उत्साह की कमी थी?
- पहले दो चरणों के दौरान फसल कटाई चल रही थी। शादियां भी हो रहीं थीं लेकिन तीसरे चरण तक आते आते वोट प्रतिशत ठीक हो गया। प्रशासन ने, पार्टियों ने, सरकार ने और चुनाव आयोग ने अधिकतम मतदान के लिए अभियान चलाया, जिसका नतीजा सबके सामने है।
10. प्रदेश में चुनाव अब अंतिम पड़ाव पर हैं.... आपको क्या लगता है ?
- निश्चित तौर पर मप्र की 29 सीटों पर इस बार भाजपा का कमल खिलेगा। 2014 के चुनाव में मप्र में बीजेपी ने 27 सीटें जीती थीं। 2019 में हमने गुना भी जीती, अब ज्योतिरादित्य सिंधिया भी साथ आ गए हैं, यानी गुना सीट भी बीजेपी के पास रहेगी। हम छिंदवाड़ा भी जीतेंगे।
11. बढ़ता कर्ज सभी राज्यों की समस्या बनता जा रहा है, इसके लिए आप क्या करेंगे?
- हमारे लिए यह कोई समस्या नहीं है। फाइनेंशियली यही व्यवस्था है। कर्ज भी आपकी क्षमता को देखकर ही दिया जाता है। 2003 में प्रदेश का बजट 20,000 करोड़ का था, जो अब बढ़कर 4 लाख करोड़ का हो गया है, जो वित्तीय रूप से सक्षम हैं वही अपने काम को फैलाने के लिए, वित्तीय पैरामीटर के तहत वित्तीय बाजार की इस सुविधा का लाभ लेते ही हैं। सभी योजनाओं के लिए पैसा दिया जा रहा है।
12. पीएम मोदी कई सभाओं में आपकी तारीफ कर रहे हैं, उनकी अपेक्षाओं पर कैसे खरा उतरेंगे?
- निश्चित रूप से हमको यही चिंता होती है, उनका प्रेम है परमात्मा करे हमको उनका प्रेम और आशीर्वाद इसी तरह मिलता रहे। हमेशा उनके प्रेम और उनकी अपेक्षाओं पर खरे उतरें उसके लिए लगातार प्रयास करते हैं।
13. तीसरी बार मोदी सरकार बनने से प्रदेश को क्या उम्मीदें हैं?
- राज्य सरकार को केंद्र सरकार से भरपूर मदद और सहयोग मिल रहा है। उसी मदद को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। शिक्षा हो या रोजगार... हेल्थ हो या टूरिज्म...केंद्र सरकार से हमें मदद मिल रही है और यह आगे भी जारी रहेगी।
14. आपने अपने लंबे राजनीतिक कॅरियर में कई मुख्यमंत्री देखे होंगे, आपको किसने प्रभावित किया और क्यों?
- (हंसते हुए) बगीचे के सब फूल अच्छे रहते हैं।
15. कोई विशेष फूल है क्या ?
- एक ही फूल है कमल का फूल।
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