Shivani Gupta
16 Sep 2025
धर्म डेस्क। विश्वकर्मा पूजा हर साल 17 सितंबर को मनाई जाती है। यह दिन भगवान विश्वकर्मा को समर्पित है, जो निर्माण, शिल्पकला, और औजारों के देवता माने जाते हैं। इस दिन कारीगर, मजदूर, इंजीनियर और अन्य कामकाजी लोग अपने औजार, मशीनें और कार्यस्थल साफ करके उनकी पूजा करते हैं। मान्यता है कि इससे काम में सफलता, तरक्की और सुरक्षा मिलती है। साथ ही कार्यक्षेत्र में समृद्धि आती है।
औजारों का गलत इस्तेमाल न करें
इस दिन औजारों और मशीनों की पूजा होती है। इसलिए पूजा के दिन किसी भी औजार का गलत या लापरवाही से प्रयोग न करें। यह अशुभ माना जाता है।
कार्यस्थल गंदा न रखें
पूजा से पहले कार्यस्थल को अच्छे से साफ करें। गंदगी रखना अशुभ होता है और इससे पूजा का पूरा फल नहीं मिलता।
नकारात्मक विचार न लाएं
इस दिन मन में बुरे विचार, झगड़ा या गुस्सा नहीं रखना चाहिए। शांत और सकारात्मक मन से पूजा करें ताकि सुख और शांति बनी रहे।
मांस, मछली और शराब से दूर रहें
विश्वकर्मा पूजा के दिन सात्विक भोजन करना चाहिए। मांस, मछली या शराब का सेवन करने से पूजा का पुण्य कम हो सकता है।
पूजा में लापरवाही न करें
पूजा श्रद्धा और ध्यान से करनी चाहिए। जल्दबाजी या लापरवाही से पूजा अधूरी मानी जाती है और उसका फल नहीं मिलता।
साफ-सफाई करें- पूजा से पहले कार्यस्थल और औजार अच्छे से साफ करें।
शुभ समय का ध्यान रखें- 17 सितंबर 2025 को सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा।
पूजा सामग्री- धूप, दीप, फूल, चंदन और मिठाई का प्रयोग करें।
मंत्र जाप करें- ओम विश्वकर्मणे नमः मंत्र का जाप करें। इससे मन स्थिर रहता है और पूजा सफल होती है।