Peoples Reporter
14 Sep 2025
धर्म डेस्क।हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष स्थान है। यह पितरों की आत्मा को शांति प्रदान करने का समय माना जाता है। इस दौरान श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान जैसे कर्म किए जाते हैं। साथ ही ब्राह्मण भोज और दान-पुण्य का आयोजन भी आवश्यक माना जाता है। मान्यता है कि इन 15 दिनों में पितर धरती पर आते हैं और अपने वंशजों से श्राद्ध का आशीर्वाद लेते हैं।
ब्राह्मण भोज कराना पितृ पक्ष में अत्यंत पुण्य का कार्य माना जाता है। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है। लेकिन इस भोज के दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करना जरूरी है ताकि पूजा व्यर्थ न हो और श्राद्ध का उद्देश्यपूर्ण हो।
इन सब्जियों से परहेज करें
ब्राह्मण भोज में गलती से भी सीताफल और पत्तागोभी की सब्जी शामिल न करें। मान्यता है कि पितर ये सब्जियां ग्रहण नहीं करते और भोजन छोड़कर श्राप दे सकते हैं।
भैंस के दूध से बनी चीजें न परोसें
भैंसा यमराज का वाहन माना गया है। इसलिए भैंस के दूध से बनी खीर या मिठाई परोसना वर्जित है। इससे पितरों को दुख भोगना पड़ सकता है।
ब्राह्मण का अपमान न करें
भोजन कराते समय ब्राह्मण का आदर करना आवश्यक है। उनका अपमान करने से घोर पाप का भागी बन सकते हैं।