भारत के मध्य कालीन इतिहास में गोंड शासकों का महत्वपूर्ण योगदान है। इस राजवंश के प्रथम राजा यादवराय या जादोराय को स्वीकार किया गया है, जिसने गढ़ा में गोंड राजवंश की स्थापना की। इन्हीं सब जानकारियों को प्रदर्शित करती गोंड रियासतों के किलों पर आधारित फोटो एग्जीबिशन स्टेट म्यूजियम में आयोजित की गई है। प्रदर्शनी में नजर आता है कि दिल्ली के लोदी सुल्तान एवं गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह का समकालीन होने के कारण संग्राम शाह की मध्यकालीन इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका रही।
गिन्नौरगढ़ का किला गोंड शासक संग्राम शाह के 52 गढ़ों में से एक है। 1723 में नवाब दोस्त मोहम्मद खान का अधिकार होने से पहले यह किला गोंड शासक निजाम शाह के अधिकार में था। इसमें गोंड कालीन वास्तुकला को देखा जा सकता है।
मोती महल, रामनगर नर्मदा नदी के बाएं तट पर लगभग 40 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इसका निर्माण गोंड शासक हिरदेशाह ने कराया था। यह तिमंजिला राजमहल है, जिसमें बड़ा आंगन व बीच में जलकुंड है जो कि सीढ़ीदार है।
सिंगौरगढ़ का किला दमोह में बना एक पहाड़ी किला है। इस भव्य महल का निर्माण गोंड शासक दलपत शाह द्वारा कराया गया था, जिसे उन्होंने रानी दुर्गावती से विवाह के पश्चात अपना निवास बनाया था। यह महल गोंड स्थापत्य का महत्वपूर्ण उदाहरण है।