Shivani Gupta
23 Sep 2025
Manisha Dhanwani
23 Sep 2025
Manisha Dhanwani
23 Sep 2025
समाजवादी पार्टी (सपा) के कद्दावर नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आज़म खान 23 सितंबर 2025, मंगलवार को सीतापुर जेल से रिहा हो गए। लगभग दो साल सलाखों के पीछे रहने के बाद उनकी रिहाई उत्तर प्रदेश की राजनीति के लिहाज़ से बेहद अहम मानी जा रही है।
अक्टूबर 2023 में आज़म खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आज़म को जन्म प्रमाणपत्र में जालसाजी के मामले में 7 साल की सजा हुई थी। मई 2024 में जमानत मिली, लेकिन अन्य मामलों की वजह से वह जेल से बाहर नहीं आ पाए।
आज़म खान पर 100 से ज़्यादा केस दर्ज हैं, जिनमें से ज्यादातर 2017 में भाजपा सरकार बनने के बाद लगे। इन मामलों में जमीन कब्जा, धोखाधड़ी, सरकारी संपत्ति को नुकसान और भड़काऊ भाषण शामिल हैं।
उनकी रिहाई का रास्ता सबसे ज्यादा क्वालिटी बार जमीन कब्जा केस ने रोका। आरोप था कि 2013 में मंत्री रहते हुए उन्होंने रामपुर के सिविल लाइंस इलाके में क्वालिटी बार की जमीन अपनी पत्नी और बेटे के नाम पर करवाई।
2019 में मालिक गगन अरोड़ा की शिकायत पर केस दर्ज हुआ। इस मामले में रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने मई 2025 में उनकी जमानत खारिज कर दी थी। आखिरकार सितंबर 2025 में हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद उनकी रिहाई संभव हुई।
यह पहली बार नहीं है जब आज़म खान लंबे समय तक जेल में रहे हों। फरवरी 2020 से मई 2022 तक वह 27 महीने जेल में बंद रहे थे। फिर अक्टूबर 2023 में एक बार फिर जेल जाना पड़ा।
आज़म खान यूपी की राजनीति में बड़ा नाम हैं। वह 10 बार विधायक, 1 बार लोकसभा सांसद और 1 बार राज्यसभा सांसद रह चुके हैं। रामपुर उनकी सियासत का गढ़ रहा है, जहां 1980 से 2022 तक उनका परिवार लगातार जीत दर्ज करता रहा।
हालांकि दिसंबर 2022 के उपचुनाव में भाजपा ने रामपुर सीट जीत ली, लेकिन राजनीतिक जानकार मानते हैं कि रामपुर, मुरादाबाद और आसपास के मुस्लिम बहुल इलाकों में आज़म खान का असर अभी भी कायम है।
2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान आज़म खान और अखिलेश यादव के बीच टिकट बंटवारे को लेकर मतभेद की खबरें सामने आई थीं। अब उनकी रिहाई के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि वह सपा में रहेंगे या किसी नए दल का दामन थामेंगे।
मायावती द्वारा उनकी पत्नी तंजीन फातिमा से मुलाकात, प्रियंका गांधी की फोन पर बातचीत और चंद्रशेखर आज़ाद की जेल मुलाकात ने चर्चाओं को और हवा दी है।