Shivani Gupta
23 Sep 2025
Manisha Dhanwani
23 Sep 2025
Manisha Dhanwani
23 Sep 2025
दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। ED ने उनकी कंपनियों से जुड़ी 7.44 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) कानून के तहत की गई है।
ED की जांच CBI की 2018 की एफआईआर के आधार पर शुरू हुई थी। एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि सत्येंद्र जैन ने फरवरी 2015 से मई 2017 के बीच अपनी आय से कहीं ज्यादा संपत्ति बनाई।
जांच में यह सामने आया कि नोटबंदी के बाद नवंबर 2016 में जैन के करीबी अंकुश जैन और वैभव जैन ने 7.44 करोड़ रुपये बैंक में जमा कराए। यह पैसा कुछ कंपनियों के नाम पर दिखाया गया, लेकिन असल में ये कंपनियां सत्येंद्र जैन के नियंत्रण में थीं। आयकर विभाग और अदालतों ने भी माना कि ये दोनों जैन परिवार के बेनामीदार हैं।
इससे पहले ED ने 4.81 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर चुकी थी। अब 7.44 करोड़ की अटैच होने के बाद कुल जब्त संपत्ति 12.25 करोड़ रुपये हो गई है। ये संपत्तियां उन आय से ज्यादा हैं, जिन्हें जांच एजेंसियां सत्येंद्र जैन की असल आय मान रही हैं।
सत्येंद्र जैन को लोक निर्माण विभाग में भर्ती में अनियमितताओं से जुड़े मामले में राहत भी मिल चुकी है। इस मामले में CBI ने कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की। कोर्ट ने कहा कि कई वर्षों की जांच के बावजूद किसी के खिलाफ अपराध सिद्ध करने के लिए सबूत नहीं मिले, और आपराधिक षडयंत्र का संकेत देने के लिए भी कोई सबूत नहीं है।