Naresh Bhagoria
15 Nov 2025
Naresh Bhagoria
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Naresh Bhagoria
14 Nov 2025
Shivani Gupta
14 Nov 2025
अनुज मीणा- मंजिलें क्या हैं, रास्ता क्या है? हौसला हो तो फासला क्या है। ये शायरी उन हुनरमंदों बच्चों पर पूरी तरह फिट बैठती है, जिन्होंने अपनी काबिलियत के दम पर छोटी उम्र में ही एक अलग पहचान बना ली है। शहर में ऐसे ही कुछ बच्चे हैं, जिन्होंने पढ़ाई के साथ अपना रास्ता चुनकर उसमें खुद की पहचान बनाई। इनमें कोई बच्चा फिल्मी दुनिया में अपना नाम स्थापित कर चुका है तो कोई साइंस के क्षेत्र में इनोवेशन कर रहा है और कोई खेल के क्षेत्र में नेशनल लेवल पर हिस्सा ले रहा है। इन बच्चों को मानना है कि अगर हम ठान लें तो कोई भी काम मुश्किल नहीं है। बस इसके लिए जरूरी है सही गाइडेंस और आपकी मेहनत। बाल दिवस के अवसर पर आईएम भोपाल ने ऐसे ही बच्चों से बात कर उनकी जर्नी के बारे में जाना।
मुझे शुरू से ही साइंस में इंटरेस्ट रहा है, इसलिए मैंने रीजनल साइंस सेंटर के इनोवेशन हब की मेंबरशिप भी ले रखी है। मैंने एक टेलीस्कोप तैयार किया है, जिससे चंद्रमा और सूर्य को साफ तरीके से देख सकते हैं। इस टेलीस्कोप से मैंने चंद्रमा और सूर्य के कई फोटो भी लिए हैं। मेरे पिता राजकुमार वर्मा डाटा एंट्री ऑपरेटर हैं और मां रतना वर्मा टीचर हैं। - परीक्षित वर्मा, स्टूडेंट
मैंने बाल भवन में केजी त्रिवेदी सर के मार्गदर्शन में अभिनय का प्रशिक्षण प्राप्त किया और कई नाटकों में हिस्सा भी लिया। इसके बाद सोनी टीवी के शो सबसे बड़ा कलाकार के मेरा चयन हुआ और उस शो में रनरअप रहा। इसके बाद मैंने चाइल्ड फिल्म ‘नमस्ते सर’ के लिए ऑडिशन दिया और उसमें मुख्य भूमिका के लिए मेरा सिलेक्शन हो गया। इस फिल्म के लिए मुझे नेशनल फिल्म आर्काइव ऑफ इंडिया, पुणे में आयोजित मुंबई इंटरनेशनल फिल्म फेस्ट 2024 में बेस्ट चाइल्ड आर्टिस्ट का अवॉर्ड मिला। फिल्म ‘लव ऑल’ में भी काम किया है, जिसकी शूटिंग भोपाल में ही हुई थी। मेरे पिता शरद आचार्य फाइनेंशियल एडवाइजर हैं। - ध्रुव आचार्य, स्टूडेंट
कोरोना काल में मैं ऑनलाइन पढ़ाई और दूसरी ऑनलाइन एक्टिविटीज में व्यस्त रहता था। ऐसे में आउटडोर एक्टिविटी नहीं हो रहीं थीं। यह बात अपने पिता को बताया तो उन्होंने मुझे टेनिस खेलने की सलाह दी, क्योंकि वे खुद भी टेनिस खेलते हैं और मुझे भी टेनिस टूर्नामेंट देखना अच्छा लगता है। फिर धीरे-धीरे प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने लगा। डिस्ट्रिक्ट और स्टेट लेवल पर मेडल जीत चुका हूं। इस समय मैं ऑल इंडिया अंडर 12 रैंकिंग टैलेंट सीरीज टेनिस टूर्नामेंट में खेल रहा हूं। टेबिल टेनिस और क्रिकेट खेलना भी पसंद है। साथ ही ड्रम्स भी बजाता हूं। पिता सीमांत सक्सेना जीएसटी कमिश्नर हैं और मां रूपाली सक्सेना नगर निगम में हैं। - जन्मेजय सक्सेना, स्टूडेंट