
भोपाल। प्रदेश में संकट में पड़े चीता प्रोजेक्ट और एक के बाद एक चीतों की मौत की गाज आखिरकार प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) वाइल्ड लाइफ जसबीर सिंह चौहान पर गिर ही गई। 8 चीतों की मौत के बाद उन्हें इस पद से हटा दिया गया है। चौहान के स्थान पर उनसे एक बैच जूनियर असीम श्रीवास्तव को इस अहम पद पर पदस्थ किया गया है। जसबीर को अब पीसीसीएफ उत्पादन की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिसे अब तक असीम संभाल रहे थे। जसबीर सिंह चौहान 1987 बैच के आईएफएस अधिकारी हैं, जबकि असीम 1988 बैच के हैं। गौरतलब है कि वन्य बल प्रमुख (हॉफ) के बाद पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ को वन विभाग का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पद माना जाता है।
सरकार से लेकर एक्सपर्ट्स तक थे नाराज
कूनो में जिस तरह से पीएम नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट कहे जाने वाले चीता प्रोजेक्ट को लेकर प्रदेश सरकार की किरकिरी हो रही थी, उसके बाद से प्रदेश सरकार भी चौहान के काम-काज से संतुष्ट नहीं थी। कूनो में जिस तरह महज 109 दिनों में 8 चीतों की मौत हुई है, उससे चौहान के प्रबंधन की क्षमता पर भी सवाल खड़े होने लगे थे। इसके साथ ही चीतों की मौत के बाद नेशनल टाइगर कन्जर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) औऱ वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट्स ने भी चिंता जताई थी।
चीता प्रोजेक्ट को जिंदा रखना सरकार की प्राथमिकता
70 सालों के बाद चीतों को फिर से देश में लाकर उन्हे बसाने से पहले करोड़ों का खर्च कर प्रदेश के वन विभाग के अफसरों को विदेश दौरे पर भेजा गया और उन्हें चीतों के व्यवहार की स्टडी कराई गई। हालांकि कूनो मे लगातार चीतों की मौत के बाद चीता प्रोजेक्ट सकंट से घिरा हुआ है। हालांकि प्रदेश सरकार किसी तरह से इस प्रोजेक्ट को सफल करना चाहती है, क्योंकि चीते अब प्रदेश में राजनीति की भी वजह बन गए हैं।
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— Peoples Samachar (@psamachar1) July 17, 2023
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