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Naresh Bhagoria
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12 Dec 2025
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Aakash Waghmare
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12 Dec 2025
प्रवीण श्रीवास्तव, भोपाल। स्कूली बच्चों में नशे की लत बढ़ती जा रही है। देश में औसतन 13 साल की उम्र में ही बच्चे किसी न किसी रूप में नशे का इस्तेमाल शुरू कर देते हैं। यही नहीं, करीब 15 फीसदी बच्चे अपने जीवन में एक न एक बार तो नशा करते ही हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकतर बच्चे परिवार के सदस्यों और दोस्तों के कहने पर प्रयोग के तौर पर पहली बार नशा करते हैं और बाद में वे इसकी गिरफ्त में आ जाते हैं। नशा करने वाले एक चौथाई बच्चों में मानसिक परेशानी देखी गई। 5 से 10 फीसद बच्चे प्रतिदिन और 10 से 20 फीसद बच्चे सप्ताह में एक बार नशा करते हैं।
एम्स भोपाल ने 2024 में भोपाल में तंबाकू के सेवन को लेकर एक सर्वे किया था। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, शहर के स्लम इलाके के 31 से 44 साल के 40 फीसदी लोग तंबाकू खाते पाए गए थे। वहीं शहर में प्रति एक किलोमीटर के दायरे में औसतन 59 तंबाकू की दुकानें मिली थीं। 43 फीसदी दुकानें एजुकेशनल संस्थानों के 100 मीटर दायरे में मिलीं। वहीं न्यूयार्क में 10 किमी के दायरे में ज्यादा से ज्यादा 4 दुकानें ही तंबाकू-सिगरेट की हैं।
किशोरावस्था में दिमाग तेजी से विकसित हो रहा होता है। नशे में मौजूद रसायन सीधे दिमाग के रिवॉर्ड सिस्टम पर असर डालते हैं, जिससे तुरंत अच्छा महसूस होता है और बच्चा दोबारा वही अहसास पाने के लिए इसे फिर लेने लगता है। यही प्रक्रिया धीरे-धीरे लत में बदल जाती है।
डॉ. रुचि सोनी, एसोसिएट प्रोफेसर, मनोचिकित्सा विभाग, जीएमसी
नशे के पदार्थ शरीर की सामान्य कार्यप्रणाली को धीमा कर देते हैं और दिल, फेफड़ों तथा जिगर पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं। ओपियोइड्स और अन्य ड्रग्स सांस को धीमा करने, बेहोशी और ओवरडोज जैसे खतरों को जन्म दे सकते हैं।
डॉ. पराग शर्मा, श्वास रोग विशेषज्ञ, हमीदिया अस्पताल
कुल छात्र : 5920
लड़के : 52.4%
औसत उम्र : 14.7 साल
8वीं-9वीं के छात्रों की हिस्सेदारी : 71%
नशा शुरू करने की औसत उम्र : 12.9 साल
इनहेलेन्ट्स शुरू करने की उम्र सबसे कम : 11.3 साल
लाइफटाइम यूज : 15.1%
पिछले 1 साल में : 10.3%
पिछले 1 महीने में : 7.2%
तंबाकू - 4%
शराब - 3.8%
ओपियोइड्स (दर्द निवारक दवाएं) - 2.8%
कैनाबिस (भाग-गांजा)- 2%
इनहेलेन्ट्स - 1.9%
बिना डॉक्टरी प्रिस्क्रिप्शन के ओपिओइड लेने वाले बच्चे - 98%