Garima Vishwakarma
13 Dec 2025
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सुबह घना और जहरीला स्मॉग छाया रहा। ITO इलाके से सामने आए दृश्यों में पूरा शहर धुंध और प्रदूषण की मोटी परत में लिपटा नजर आया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार सुबह 6 बजे ITO क्षेत्र का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 417 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है और सेहत के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है।
CPCB के ताजा आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली के कई हिस्सों में प्रदूषण का स्तर और भी ज्यादा है। वजीरपुर में AQI 443, जहांगीरपुरी में 439, आनंद विहार और रोहिणी में 434, नरेला में 425 और बावना में 424 दर्ज किया गया। बुर्की, चांदनी चौक, पंजाबी बाग और मुंडका जैसे घनी आबादी वाले इलाकों में भी AQI 410 से ऊपर बना हुआ है।
हालांकि IGI एयरपोर्ट इलाके में AQI 307 रहा, लेकिन यह भी ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है। यानी यहां की हवा भी सामान्य लोगों के लिए सुरक्षित नहीं मानी जा सकती।
यह स्थिति ऐसे समय सामने आई है जब दिसंबर का आधा महीना बीत चुका है। आमतौर पर इस वक्त तक उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड और घना कोहरा देखने को मिलता है, लेकिन इस साल मौसम अपने सामान्य पैटर्न से अलग चल रहा है। विशेषज्ञ इसे जलवायु परिवर्तन का असर मान रहे हैं।
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक बीते मानसून में भी ऐसा ही बदलाव देखा गया था। मानसून समय से पहले आया, फिर कई दिनों तक कमजोर रहा और आखिर में भारी बारिश के साथ विदा हुआ। विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड का असर भी इस बार अचानक और असमान तरीके से देखने को मिल सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बच्चों, बुजुर्गों और सांस से जुड़ी बीमारियों वाले लोगों को खास सावधानी बरतने की सलाह दी है। खुले में व्यायाम से बचने, मास्क पहनने और बिना जरूरत घर से बाहर न निकलने की अपील की गई है। बढ़ता प्रदूषण और बदलता मौसम, दोनों मिलकर दिल्ली-एनसीआर के लिए गंभीर खतरे की चेतावनी दे रहे हैं।