Garima Vishwakarma
13 Dec 2025
लखनऊ। उत्तर प्रदेश बीजेपी में लंबे समय से चल रहा प्रदेश अध्यक्ष का इंतजार जल्द खत्म होने वाला है। पार्टी आज नामांकन प्रक्रिया के साथ ही नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम का संकेत दे सकती है। लखनऊ में माहौल पूरी तरह चुनावी है, संगठन से लेकर सत्ता तक, हर लेवल पर मूवमेंट दिख रही है। पॉलिटिकल पाइपलाइन में सबसे मजबूत नाम केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी का माना जा रहा है। हालाकि बीजेपी हर बार अपने फैसलों से सबकों चौंकाते रहती है।
शनिवार को दोपहर 2 से 3 बजे के बीच प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय परिषद सदस्यों के लिए नामांकन दाखिल किया जाएगा। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े दोपहर 12 बजे लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचेंगे और सीधे बीजेपी कार्यालय जाएंगे। चुनाव प्रभारी डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय नामांकन पत्र सौंपेंगे।
बीजेपी इस बार रणनीतिक रूप से ओबीसी चेहरे को आगे बढ़ा रही है। 2027 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पार्टी सामाजिक संतुलन और चुनावी गणित को एक साथ साधने की कोशिश में है। कुर्मी समाज से आने वाले पंकज चौधरी इस फ्रेम में बिल्कुल फिट बैठते हैं। यही वजह है कि उनका नाम सबसे आगे चल रहा है।
हालांकि आज नामांकन की प्रक्रिया पूरी होगी, लेकिन पार्टी प्रदेश अध्यक्ष की औपचारिक घोषणा रविवार को करेगी। रविवार दोपहर 12 बजे लखनऊ के एक बड़े सभागार में मेगा इवेंट आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री और यूपी संगठन चुनाव प्रभारी पीयूष गोयल, राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े और संगठन महासचिव बी.एल. संतोष की मौजूदगी रहेगी। पूरे शहर को सजाया गया है।
पंकज चौधरी के अलावा केंद्रीय राज्य मंत्री बी.एल. वर्मा और पूर्व सांसद निरंजन रंजन ज्योति के नाम भी चर्चा में रहे, लेकिन पार्टी सूत्रों की मानें तो इन नामों की संभावना फिलहाल कमजोर है।
बीजेपी का यह फैसला सिर्फ संगठनात्मक बदलाव नहीं, बल्कि 2027 की तैयारी का साफ संकेत है। पुराने अनुभव, सामाजिक समीकरण और भविष्य की सोच तीनों का कॉम्बो इस फैसले में दिखता है। अब बस औपचारिक मुहर बाकी है। राजनीति में कहा जाता है- नाम बदलते हैं, लेकिन गेम प्लान वही रहता है। यूपी BJP भी उसी प्लान पर आगे बढ़ती दिख रही है।
पंकज चौधरी का राजनीतिक सफर जमीनी राजनीति से शुरू हुआ। गोरखपुर में पार्षद रहते हुए उन्होंने संगठन की बारीकियां सीखीं। वे महाराजगंज से 7 बार सांसद रह चुके हैं और पूर्वांचल का बड़ा चेहरा माने जाते हैं। राजनीति के साथ-साथ वे कारोबारी भी हैं और राहत रूह तेल कंपनी के मालिक हैं।