
नई दिल्ली। स्टैंड-अप कॉमेडियन समय रैना और अन्य सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स के खिलाफ एक दिव्यांग और दुर्लभ बीमारी से पीड़ित बच्चे का मजाक उड़ाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। आज सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए मुंबई पुलिस कमिश्नर को आदेश दिया कि वे इंडियाज गॉट लेटेंट शो से जुड़े पांचों आरोपियों को अगली सुनवाई के लिए पेश होने का नोटिस जारी करें।
सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिस्वर सिंह की बेंच ने कहा कि अगर आरोपी अगली सुनवाई में उपस्थित नहीं हुए, तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
दिव्यांगों का मजाक उड़ाना बेहद अपमानजनक- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर दिव्यांग और दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित लोगों के साथ ऐसा व्यवहार अत्यंत दुखद, हानिकारक और मनोबल गिराने वाला है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर किसी की गरिमा को ठेस पहुंचाना कानूनन मंजूर नहीं है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता एनजीओ क्योर एसएमए फाउंडेशन ऑफ इंडिया की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में सुधारात्मक और दंडात्मक कार्रवाई जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
सोशल मीडिया गाइडलाइन की जरूरत पर जोर
बेंच ने कहा कि दिव्यांगों और रेयर डिसऑर्डर से जूझ रहे लोगों से संबंधित सोशल मीडिया कंटेंट को लेकर केंद्र सरकार को जल्द ही स्पष्ट गाइडलाइन तैयार करनी चाहिए। इसके लिए कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि से मार्गदर्शन और सहयोग मांगा है। एनजीओ की तरफ से कोर्ट में मौजूद सीनियर एडवोकेट अपराजिता सिंह को भी कोर्ट ने निर्देश दिए कि वे इस दिशा में कानूनी समाधान सुझाएं।
क्या है पूरा मामला
इसमें दो मामले शामिल हैं। पहला, इंडियाज गॉट लेटेंट शो में यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया द्वारा बच्चों के माता-पिता पर आपत्तिजनक और अश्लील टिप्पणियां करने के बाद शिकायत दर्ज हुई थी। दूसरा, स्टैंड-अप कॉमेडियन समय रैना पर आरोप है कि उन्होंने एक शो में SMA (स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉफी) नामक रेयर बीमारी से पीड़ित नेत्रहीन नवजात बच्चे पर बेहद आपत्तिजनक मजाक किया।
क्या कहा था समय रैना ने
समय रैना ने कथित तौर पर अपने स्टैंड-अप शो ‘दैट कॉमेडी क्लब’ में कहा था, “मैं एक चैरिटी देख रहा था जिसमें एक दो महीने का बच्चा है जिसे कोई रेयर बीमारी है, उसके इलाज के लिए 16 करोड़ का इंजेक्शन चाहिए… सोचिए, 16 करोड़ खर्च करके भी बच्चा मर गया और इससे भी बुरा अगर वह बच गया और कहे कि मैं पोएट बनना चाहता हूं।”
यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और दिव्यांग समुदाय में आक्रोश फैल गया। इसके बाद क्योर एसएमए फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की।
अगली सुनवाई में सभी आरोपियों को होना होगा पेश
सुप्रीम कोर्ट ने साफ निर्देश दिए हैं कि इस मामले से जुड़े सभी पांच आरोपी समय रैना, रणवीर अल्लाहबादिया और अन्य सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स को अगली सुनवाई में कोर्ट के सामने पेश होना होगा। यदि ऐसा नहीं होता है, तो उनके खिलाफ गिरफ्तारी सहित सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।