
बेंगलुरु। 18 साल के लंबे इंतजार के बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने IPL 2025 की ट्रॉफी अपने नाम की। लेकिन बेंगलुरु में टीम के स्वागत के दौरान जश्न का यह मौका एक बड़े हादसे में तब्दील हो गया। चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भीड़ में मची भगदड़ ने 11 लोगों की जान ले ली और 33 अन्य घायल हो गए। इस हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया। वहीं भाजपा ने CM सिद्धारमैया के इस्तीफे की मांग की है।
कैसे और क्यों हुआ हादसा?
फ्री पास और साइट क्रैश: आरसीबी ने स्टेडियम में सेलिब्रेशन के लिए फ्री पास जारी किए थे। जैसे ही सोशल मीडिया पर लिंक शेयर हुई, भारी संख्या में लोग वेबसाइट पर टूट पड़े जिससे साइट क्रैश हो गई।
बिना पास भी पहुंचे फैंस: जिन लोगों को पास नहीं मिला, वे भी स्टेडियम की ओर उमड़ पड़े। इससे भीड़ का अंदाजा लगाना मुश्किल हो गया।
गेट पर टूट पड़ा जनसैलाब: गेट नंबर 10, 12 और 13 पर लोग घुसने की कोशिश करने लगे, पुलिस ने लाठीचार्ज किया। नाले पर रखा स्लैब ढह गया और भगदड़ शुरू हो गई।
3 लाख से ज्यादा की भीड़: स्टेडियम की क्षमता 35,000 थी, लेकिन बाहर 3 लाख से अधिक लोग जमा थे। दोपहर 3:30 बजे के बाद हालात बिगड़ते चले गए।
घटना की टाइमलाइन
3 जून रात 11 बजे: RCB की जीत के बाद बेंगलुरु की सड़कों पर फैंस का हुजूम जमा होने लगा।
4 जून सुबह: विक्ट्री परेड की घोषणा के बाद भीड़ तेजी से विधानसभा और स्टेडियम की ओर बढ़ी।
4 जून दोपहर 3:30 बजे: टीम के एयरपोर्ट पहुंचने के बाद स्टेडियम के गेट्स पर भीड़ बेकाबू हो गई।
शाम 4:30 बजे: भगदड़ की शुरुआत हुई, कई लोग जमीन पर गिर पड़े और भीड़ उन्हें कुचलती चली गई।
शाम 7:50 बजे: मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में 11 मौतों और 33 घायलों की पुष्टि की।
सरकार और नेताओं की प्रतिक्रियाएं
CM सिद्धारमैया: हम इसके लिए तैयार नहीं थे। जश्न का पल इस हादसे से धुंधला पड़ गया। मैं इस घटना का बचाव नहीं कर रहा, लेकिन देश में पहले भी कई बड़े हादसे हुए हैं, जैसे कुंभ मेले में 50-60 लोगों की जान गई। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं कि हम जिम्मेदारी से बचें।
डिप्टी CM डीके शिवकुमार: हमें इतनी बड़ी भीड़ की उम्मीद नहीं थी, हम माफी मांगते हैं।
बीजेपी का हमला: नेता आर. अशोक ने हादसे को ‘राज्य प्रायोजित हत्या’ बताया और मुख्यमंत्री व डिप्टी CM से इस्तीफा मांगा।
मृतक के पिता बोले- उसे मत काटो
एक पिता अपने बेटे के शव के सामने हाथ जोड़कर बोले, “उसे मत काटो, पोस्टमॉर्टम मत करो।” यह दर्द पूरे देश ने महसूस किया। अस्पतालों में युवाओं के शव पहुंचे, जिनकी उम्र 13 से 33 साल के बीच थी।
वहीं अब कर्नाटक सरकार पर जवाबदेही का दबाव है। विपक्ष लगातार इस्तीफे की मांग कर रहा है और फैंस सवाल उठा रहे हैं कि जब स्टेडियम की क्षमता 35 हजार थी तो भीड़ को नियंत्रित करने के लिए क्या पर्याप्त योजना बनाई गई थी?
क्रिकेट जगत में शोक की लहर
- विराट कोहली बोले- पूरी तरह से टूट चुका हूं।
- सचिन तेंदुलकर ने इस घटना को बताया बेहद बहुत दुखद।
- युवराज सिंह ने कहा- जश्न का पल त्रासदी में बदल गया।
- RCB टीम मैनेजमेंट बोली- फैंस की सुरक्षा सर्वोपरि है, सभी से अपील है भीड़ से बचें।
दुनिया में भी हाल ही में हुआ ऐसे हादसे
- फ्रांस (1 जून): PSG की जीत के जश्न में 2 की मौत, 190 घायल।
- इंग्लैंड (9 दिन पहले): लिवरपूल की जीत पर भी भगदड़, 109 घायल।
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