
उज्जैन में बाबा महाकाल के मंदिर में रंगपंचमी का उत्सव बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। कोविड पाबंदियां हटने के दो साल बाद भक्तों ने बाबा के आंगन में जमकर होली खेली। सुबह भस्मारती में महाकाल को टेसू के फूलों से बना रंग चढ़ाया गया। इस दौरान पण्डे, पुजारी और श्रद्धालु हर्बल रंगों से सराबोर दिखे।

महाकाल को चढ़ा टेसू का रंग
रंगपंचमी के लिए सोमवार को ही पुजारियों ने तीन क्विंटल टेसू के फूलों से प्राकृतिक रंग बना लिया था। परंपरा के अनुसार सबसे पहले पुजारियों ने बाबा महाकाल को टेसू के फूलों से बना रंग लगाया। उसके बाद टेसू से तैयार केसरिया रंग को गर्भगृह से नंदी हॉल तक उड़ाया गया। बता दें कि आरती के दौरान रंग को भक्तों पर भी फेंका।


भांग और चंदन से किया श्रृंगार
रंगपंचमी पर महाकाल का भांग, चंदन और सूखे मेवे से श्रृंगार किया गया। वहीं पंचामृत अभिषेक के बाद भस्म अर्पित की गई। त्रिनेत्र रूपी मस्तक पर रजत त्रिपुण्ड और सिर पर शेषनाग रजत मुकुट धारण किया। इसके साथ ही रुद्राक्ष और फूलों की माला अर्पित की गई।

मध्यप्रदेश : उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर में दो साल बाद रंगपंचमी के दिखे रंग। कोविड पाबंदियां हटने के बाद भक्तों ने बाबा के आंगन में खेली होली।#MahakaleshwarMandir #Ujjain #Rangpanchmi #PeoplesUpdate pic.twitter.com/hbQd0WJlke
— Peoples Samachar (@psamachar1) March 22, 2022
शाम को चल समारोह
हर साल रंगपंचमी पर महाकालेश्वर मंदिर से महाकाल भगवान का ध्वज चल समारोह निकलता है। आज शाम 6 बजे बाबा महाकाल के प्रांगण से शहर भर में गेर निकाली जाएगी। इसमें 11 ध्वज, 2 बैंड, झांकियां चलेंगी।

ये भी पढ़ें – Rang Panchami : होली के चार दिन बाद क्यों मनाते हैं रंगों का यह पर्व, जानिए इससे जुड़ी मान्यताएं