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कौन हैं धर्म गुरु रामगिरी महाराज, जिनके एक बयान से मच गया महाराष्ट्र में बवाल, जानें पूरा मामला

रामगिरी महाराज पर आरोप है कि उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, महाराष्ट्र के कई जिलों में FIR दर्ज

नासिक, महाराष्ट्र। इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद के बारे में कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर धर्म गुरु रामगिरी महाराज के खिलाफ महाराष्ट्र के कई जिलों में एफआईआर दर्ज की गई है। उनके खिलाफ मुंबई, नासिक, छत्रपति संभाजीनगर, पुणे और ठाणे में केस दर्ज किया गया है। इस्लामिक स्कॉलर समीउल्लाह खान ने जलगांव के जामोद पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। उनका कहना है कि इससे मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं हैं।

पुलिस ने बताया था कि हाल ही में नासिक जिले में सिन्नर तालुका के शाह पंचाले गांव में एक धार्मिक आयोजन के दौरान रामगिरी महाराज ने कथित आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। समीउल्लाह हिंदू संत की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है।

शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का ऐलान

समीउल्लाह खान ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद पर ऐसी टिप्पणी पर हम चुप नहीं बैठेंगे। अगर रामगिरी महाराज की गिरफ्तारी नहीं हुई तो हम पूरे राज्य और देश में शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन करेंगे। नरेन्द्र मोदी सरकार को जवाब देना चाहिए कि भारत में ऐसी सांप्रदायिक टिप्पणियां क्यों बढ़ रही है।

रामगिरी महाराज का आरोपों से इनकार

इसी बीच एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रामगिरी महाराज ने इसे अपने ऊपर लगे इस आरोप को झूठा बताया है। उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणी हिंदू समुदाय को एकजुट करने की कोशिश में की गई। बांग्लादेश में हिंदुओं के प्रति हो रहे हिंसा और अत्याचारों के विरोध में बात कही गई थी।

कौन हैं रामगिरी महाराज ?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रामगिरी महाराज का असली नाम सुरेश रामकृष्ण राणे है। उनकी शुरुआती शिक्षा जलगांव जिले में हुई। 9वीं कक्षा के दौरान उन्होंने स्वाध्याय केंद्र में गीता और भावगीता के अध्यायों का अध्ययन करना शुरू किया। उन्होंने आगे की पढ़ाई छोड़ आध्यात्मिक मार्ग को चुना। 2009 में वो नारायणगिरि महाराज के शिष्य बन गए। गंगागीर महाराज, नारायणगिरि महाराज के गुरु थे। नारायणगिरि महाराज की मृत्यु के बाद रामगिरी महाराज उनके उत्तराधिकारी बने।

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