Manisha Dhanwani
5 Nov 2025
रायसेन। मध्यप्रदेश को आज औद्योगिक क्षेत्र में एक बड़ी सौगात मिली। रायसेन जिले के उमरिया गांव में 1800 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली ग्रीनफील्ड रेल कोच निर्माण इकाई का भूमि पूजन देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे, जबकि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़े।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में कहा कि मध्यप्रदेश के पास रक्षा और औद्योगिक विकास के लिए सभी आवश्यक संसाधन हैं, और आने वाले समय में यह क्षेत्र रक्षा उत्पादन का एक बड़ा केंद्र बनेगा। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ भारत का नहीं, पूरे विश्व का कल्याण चाहते हैं, लेकिन यदि कोई भारत की ओर आंख उठाएगा, तो हम उसे छोड़ेंगे नहीं।
उन्होंने कहा कि पहले रक्षा क्षेत्र के सामान हम आयात करते थे, अब भारत 24,000 करोड़ रुपये से अधिक के रक्षा उत्पादों का निर्यात कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि इस रेल कोच फैक्ट्री से न सिर्फ मेट्रो और रेल कोच बनाए जाएंगे, बल्कि अन्य रेलवे उत्पाद भी तैयार होंगे। इस परियोजना से 5,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
कार्यक्रम को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोच फैक्ट्री के बनने से रेलवे के ईको सिस्टम को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह फैक्ट्री भविष्य में भारत की स्पीड ट्रेनों के लिए महत्वपूर्ण कोच तैयार करेगी।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने भाषण में पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे निर्दोष भाइयों को धर्म पूछ-पूछकर मारा गया। लेकिन भारत सरकार ने उन्हें कश्मीर में ही ढूंढकर सिर में गोली मारी।
उन्होंने रायसेन क्षेत्र को ‘आइडियल ज़ोन’ बनाने की प्रतिबद्धता जताई और कहा कि भाजपा सरकार में किसानों, मछुआरों और पशुपालकों के हितों की सुरक्षा प्राथमिकता रहेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इस रेल कोच फैक्ट्री से **मध्यप्रदेश में मेट्रो कोच निर्माण की शुरुआत हो चुकी है, जो भविष्य में पूरे भारत की ज़रूरतों को पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि हम किसानों को अतिवृष्टि से हुए नुकसान का पूरा मुआवजा देंगे। साथ ही इस क्षेत्र में स्कूल और कॉलेजों के लिए जमीन भी उपलब्ध कराई जाएगी।
राज्य सरकार के अनुसार, अब तक 30 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश मध्यप्रदेश को प्राप्त हो चुका है और 18,000 हेक्टेयर भूमि बैंक तैयार किया गया है। कनेक्टिविटी, संसाधन और शांत वातावरण के चलते राज्य राष्ट्रीय औद्योगिक केंद्र के रूप में उभर रहा है।
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