
मैनिट में तीन साल बाद रैगिंग का मुद्दा सामने आया है। पहले और दूसरे साल के करीब दो दर्जन विद्यार्थियों ने 31 मार्च को रैगिंग की शिकायत UGC की एंटी रैगिंग हेल्पलाइन पर की है। शिकायत में साफ तौर पर कहा गया है कि हॉस्टल में आकर सीनियर आए दिन रैगिंग लेते हैं। इससे वे मानसिक तौर पर प्रताड़ित हो रहे हैं। यहां तक कि उनके साथ मारपीट भी की जाती है।
मामले में प्रबंधन ने मांगी रिपोर्ट
UGC ने इस मामले में मैनिट को मेल भेजकर जवाब तलब किया है। सोमवार को मैनिट प्रबंधन ने इस मामले में एंटी रैगिंग स्क्वाड से जल्द रिपोर्ट मांगी है। वहीं इस संबंध में आरोपित विद्यार्थियों से पूछताछ भी की जा रही है।
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प्रदेश में रैगिंग के चार मामले दर्ज
मैनिट के दो रैगिंग मामले सहित प्रदेश में चार रैगिंग प्रकरण एंटी-रैगिंग हेल्पलाइन में दर्ज हुए हैं। इंदौर के मालवांचल निजी विश्वविद्यालय और रीवा इंजीनियरिंग कॉलेज रीवा में रैगिंग हुई है। हेल्पलाइन ने राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विवि और मालवांचल निजी विवि से जवाब मांगा है।
जूनियर स्टूडेंट्स ने लगाया ये आरोप
जूनियर स्टूडेंट्स ने आरोप लगाया है कि सीनियर उन्हें शराब पीने के लिए दबाव बनाते हैं। उनके मुंह में जबरदस्ती सिगरेट लगाकर पीने के लिए कहा जाता है। इससे वे परेशान हो गए हैं। उन्होंने हेल्पलाइन को बताया है कि कुछ जूनियर रैगिंग के चलते डिप्रेशन में चले गए हैं। यूजीसी ने मैनिट के डायरेक्टर नरेंद्र सिंह रघुवंशी को मेल भेजकर रैगिंग की घटना को लेकर जवाब मांगा है।
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