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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में भारतीय रेल के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए बड़ा फैसला लिया गया। बैठक में 24,634 करोड़ रुपए की लागत वाली चार नई रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। ये परियोजनाएं महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ के 18 जिलों को कवर करेंगी।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इन प्रोजेक्ट्स से रेल संचालन की क्षमता बढ़ेगी, भीड़ कम होगी, समय की बचत होगी और रेलवे सेवाओं की विश्वसनीयता में सुधार आएगा। उन्होंने कहा कि भारत के सात रेलवे कॉरिडोर देश के कुल रेलवे यातायात का 41% संभालते हैं, इसलिए इनकी क्षमता बढ़ाना बेहद जरूरी है।
सरकार ने जिन चार प्रमुख प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है, वे पश्चिम और मध्य भारत के औद्योगिक एवं कृषि क्षेत्रों की कनेक्टिविटी को नई गति देंगे।
यह प्रोजेक्ट 314 किलोमीटर लंबा है जिसकी लागत 9,197 करोड़ रुपए है। इससे महाराष्ट्र के औद्योगिक क्षेत्रों को तेज रेल कनेक्टिविटी मिलेगी। परियोजना के पूर्ण होने पर हर साल करीब 9 करोड़ लीटर डीजल की बचत होगी।
84 किलोमीटर लंबी यह लाइन 4,600 करोड़ रुपए की लागत से बनेगी। यह महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के बीच टूरिज्म सर्किट को जोड़ेगी। इससे हर साल 4.6 करोड़ लीटर डीजल की बचत संभव होगी।
259 किलोमीटर लंबा यह प्रोजेक्ट गुजरात और मध्य प्रदेश को जोड़ेगा। इस पर करीब 7,600 करोड़ रुपए खर्च होंगे और 7.6 करोड़ लीटर डीजल की बचत होगी।
मध्य प्रदेश में 237 किलोमीटर लंबी इस परियोजना पर 3,237 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इसके बाद इस रूट पर मालगाड़ियों और पैसेंजर ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी और हर साल 6.4 करोड़ लीटर डीजल की बचत होगी।
ये सभी प्रोजेक्ट्स प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के तहत लागू किए जा रहे हैं। इस योजना का मकसद देश में मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना है, जिससे लॉजिस्टिक लागत घटे, तेल आयात कम हो और पर्यावरणीय बोझ भी घटे। सरकार का अनुमान है कि इन चार प्रोजेक्ट्स से हर साल 28 करोड़ लीटर तेल की बचत होगी और 139 करोड़ किलो CO₂ उत्सर्जन में कमी आएगी। यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में 6 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।
नई रेल लाइनों से करीब 3,600 गांवों और 85 लाख लोगों को डायरेक्ट कनेक्टिविटी मिलेगी। इससे विदिशा और राजनांदगांव जैसे आकांक्षी जिलों में विकास की रफ्तार तेज होगी। रेल मंत्री वैष्णव ने कहा, नई लाइनें खुलने से रोजगार और स्वरोजगार के हजारों अवसर पैदा होंगे। कोयला, सीमेंट, स्टील और अनाज जैसी वस्तुओं की ढुलाई आसान होगी और रेलवे का माल परिवहन सालाना 78 मिलियन टन तक बढ़ेगा।
रेल मंत्री के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे कार्यकाल में अब तक रेलवे क्षेत्र में 1.5 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी जा चुकी है। कुल मिलाकर देशभर में 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी मिल चुकी है। उन्होंने बताया कि इस साल दीपावली और छठ पर्व के दौरान यात्रियों की सुविधा के लिए 12 हजार विशेष ट्रेनें चलाई जाएंगी। उन्होंने कहा, “यह इसलिए संभव हो पाया क्योंकि बीते वर्षों में रेलवे की क्षमता बढ़ाने के लिए अभूतपूर्व काम हुआ है।”