Pitru Paksha 2025 :आज से पितृपक्ष का प्रारंभ, शीतलदास की बगिया पहुंचकर लोगों ने पितरों को जल अर्पित कर किया पुण्य स्मरण
भोपाल। पूर्वजों की आत्मा की शांति और पुण्य स्मरण के लिए धार्मिक महत्व वाला पखवाड़ा पितृपक्ष रविवार से प्रारंभ हो गया है। इसे श्राद्ध पक्ष और महालय के नाम से भी जाना जाता है। पहले दिन राजधानी भोपाल के प्रमुख घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी, जिन्होंने शीतलदास की बगिया, खटलापुरा, गिन्नौरी बगिया, रानी कमलापति घाट, कालीघाट सहित अन्य प्रमुख स्थानों पर पितरों के तर्पण हेतु जल अर्पित किया।
घाटों पर गोताखोर भी रहे तैनात
इस अवसर पर प्रशासन द्वारा सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। विशेष रूप से शीतलदास की बगिया घाट पर सबसे ज्यादा भीड़ देखने को मिली। सुरक्षा व्यवस्था के तहत गोताखोरों को भी तैनात किया गया ताकि किसी भी आपात स्थिति में मदद की जा सके। प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया कि श्रद्धालु बिना किसी बाधा के विधिपूर्वक पितृ तर्पण कर सकें।
चंद्रग्रहण के साथ शुरू हुआ पितृपक्ष
पितृपक्ष के पहले दिन के साथ ही चंद्रग्रहण भी हुआ। ग्रहण का सूतक काल दोपहर 12:57 बजे से प्रारंभ हुआ। धार्मिक आचार्यों ने बताया कि इस दिन तर्पण का जल ग्रहण सूतक काल के पूर्व दिया जाना चाहिए। इसलिए सुबह के समय श्रद्धालुओं ने विशेष रूप से ध्यान दिया और दिन में 12 बजे से पहले पितरों को जल अर्पित किया। प्रातःकाल में दिया गया तर्पण अमृत, दूध और मधु के रूप में पुण्य प्रदान करता है।
पितृपक्ष कब तक रहेगा
भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से प्रारंभ हुआ पितृपक्ष 21 सितंबर को पितृमोक्ष अमावस्या के साथ संपन्न होगा। इस दौरान श्रद्धालु हर दिन पितरों के तर्पण के लिए घाटों पर जुटते रहेंगे। पहले दिन पूर्णिमा तिथि का श्राद्ध विशेष महत्व रखता है। इस अवसर पर धार्मिक आयोजन और सामूहिक तर्पण की भी व्यवस्था की गई है।
कौन कर सकता है श्राद्ध और तर्पण
- घर का वरिष्ठ पुरुष सदस्य तर्पण कर सकता है।
- यदि घर में वरिष्ठ पुरुष नहीं हैं तो कोई अन्य पुरुष सदस्य या पौत्र/नाती कर सकता है।
- वर्तमान समय में महिलाएं भी पितृपक्ष में तर्पण और श्राद्ध कर सकती हैं, परंतु सावधानियों का पालन करना अनिवार्य है।

पितृपक्ष की तिथियां और श्राद्ध का दिन
- प्रतिपदा श्राद्ध – 8 सितंबर 2025
- द्वितीया श्राद्ध – 9 सितंबर 2025
- तृतीया श्राद्ध – 10 सितंबर 2025
- चतुर्थी श्राद्ध – 10 सितंबर 2025
- पंचमी श्राद्ध – 12 सितंबर 2025
- षष्ठी श्राद्ध – 12 सितंबर 2025
- सप्तमी श्राद्ध – 13 सितंबर 2025
- अष्टमी श्राद्ध – 14 सितंबर 2025
- नवमी श्राद्ध – 15 सितंबर 2025
- दशमी श्राद्ध – 16 सितंबर 2025
- एकादशी श्राद्ध – 17 सितंबर 2025
- द्वादशी श्राद्ध – 18 सितंबर 2025
- त्रयोदशी श्राद्ध – 19 सितंबर 2025
- चतुर्दशी श्राद्ध – 20 सितंबर 2025
- सर्वपितृ अमावस्या – 21 सितंबर 2025