Peoples Reporter
5 Nov 2025
नई दिल्ली। एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के हालिया दुर्घटना मामले में मीडिया रिपोर्टिंग को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (FIP) ने दो प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) और रॉयटर्स पर गैर-जिम्मेदाराना और भ्रामक रिपोर्टिंग का आरोप लगाते हुए उन्हें कानूनी नोटिस भेजा है। FIP का कहना है कि इन रिपोर्टों से भारतीय पायलटों की छवि को गहरा आघात पहुंचा है, जबकि अभी तक जांच पूरी नहीं हुई है।
FIP के अध्यक्ष कैप्टन सीएस रंधावा ने ANI से बात करते हुए WSJ की रिपोर्ट को पूरी तरह बेबुनियाद करार दिया। उन्होंने कहा, “मैं WSJ को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराता हूं। वे अपनी तरफ से निष्कर्ष निकालते हैं और दुनिया भर में फैला देते हैं। क्या वे कोई जांच एजेंसी हैं? जब प्रारंभिक रिपोर्ट में ऐसा कुछ नहीं लिखा गया, तो वे कैसे खुद निष्कर्ष निकाल सकते हैं?”
रंधावा ने आगे कहा कि WSJ और रॉयटर्स की रिपोर्टों में पायलटों को दोषी ठहराने की कोशिश की गई, जबकि एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट में ऐसा कोई निष्कर्ष नहीं है।
FIP ने WSJ और रॉयटर्स से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने और अपनी रिपोर्टों को स्पष्ट करने की मांग की है। रंधावा ने स्पष्ट किया, “हमने साफ कहा है कि यदि वे माफी नहीं मांगते और स्पष्टीकरण नहीं देते, तो हम उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।”
FIP का यह रुख पायलट समुदाय में गहरी नाराजगी और असुरक्षा को उजागर करता है, जो मानता है कि बिना ठोस तथ्यों के की गई ऐसी रिपोर्टिंग से न केवल पेशेवर छवि प्रभावित होती है, बल्कि मानसिक तनाव भी बढ़ता है।
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अमेरिका की नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) की चेयरवुमन जेनिफर होमेंडी ने भी WSJ और रॉयटर्स की रिपोर्टों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया में आई खबरें जल्दबाजी और अनुमान पर आधारित हैं।
उन्होंने कहा, “इतनी बड़ी जांच प्रक्रिया में समय लगता है। सभी पक्षों को भारत की आधिकारिक जांच एजेंसी AAIB की अंतिम रिपोर्ट आने तक इंतजार करना चाहिए।”
FIP ने NTSB के इस रुख का स्वागत करते हुए कहा कि इससे भारतीय पायलटों पर लगाए जा रहे बेबुनियाद आरोपों पर विराम लगेगा।
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गौरतलब है कि एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, जो मुंबई से लंदन जा रही थी, तकनीकी खराबी के कारण हादसे का शिकार हो गई थी। इस दुर्घटना में 250 से ज्यादा लोगों की जान गई थी और कई गंभीर रूप से घायल हुए थे। इस हादसे की जांच एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) द्वारा की जा रही है और अभी रिपोर्ट पूरी नहीं हुई है।