Manisha Dhanwani
5 Nov 2025
Naresh Bhagoria
5 Nov 2025
पन्ना पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी नेटवर्क का बड़ा खुलासा करते हुए थाईलैंड और कंबोडिया से संचालित ‘डिजिटल अरेस्ट’ ठगी रैकेट में शामिल दो शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने एक स्थानीय युवक से 14 लाख रुपए की धोखाधड़ी की थी।
पुलिस ने मामले की जांच के दौरान लग्जरी कारों के शौकीन इन ठगों के पास से साइबर क्राइम में इस्तेमाल होने वाला उन्नत उपकरणों का जखीरा बरामद किया है।
पुलिस अधीक्षक साई कृष्ण एस थौटा ने जानकारी देते हुए बताया कि 7 फरवरी 2025 को पन्ना निवासी अंशु शर्मा को एक अज्ञात कॉल आया, जिसमें उसे बताया गया कि उसकी ID अवैध गतिविधियों में पाई गई है और उसे डिजिटल अरेस्ट किया जाएगा। आरोपियों ने उसे मानसिक रूप से भयभीत और भ्रमित कर 14 लाख रुपए की भारी रकम धोखाधड़ी से RTGS के माध्यम से अपने खातों में ट्रांसफर करवा ली।
पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया और मुंबई से दो संदिग्धों को हिरासत में लिया। पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि इस गिरोह का संचालन थाईलैंड और कंबोडिया में बैठे विदेशी ठग टेलीग्राम एप के जरिए करते हैं। भारत में बैठे एजेंट सिम बॉक्स और वर्चुअल नंबरों के जरिए लोगों को ठगने का काम करते हैं।
पन्ना एसपी साईं कृष्णा एस थोटा ने बताया कि इस हाई-टेक साइबर ठगी के मामले में स्टेट साइबर सेल, मध्य प्रदेश पुलिस, केंद्रीय तकनीकी एजेंसियां, और अन्य राज्यों की पुलिस इकाइयों के साथ मिलकर विस्तृत जांच जारी है। यह एक बेहद अनोखा और तकनीकी रूप से उन्नत साइबर अपराध का मामला है। भारत में प्रतिबंधित सिम बॉक्स, फर्जी सिम कार्ड और विदेशी नेटवर्क का इस्तेमाल कर भोले-भाले लोगों को ठगा जा रहा है। इस मामले में आगे भी कई कड़ियां जुड़ सकती हैं।

‘डिजिटल अरेस्ट’ साइबर ठगी का नया रूप है, जिसमें ठग सरकारी एजेंसियों जैसे CBI, NCB, या साइबर पुलिस का नाम लेकर लोगों को डराते हैं कि उनकी पहचान अपराधों में इस्तेमाल हो रही है, और डिजिटल माध्यम से उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। इसी भय के चलते लोग ठगों के बताए खातों में पैसे ट्रांसफर कर देते हैं।