बालासोर। ओडिशा के बालासोर में दो जून को हुए रेल हादसे में 288 लोगों की मौत हो गई और एक हजार से ज्यादा लोग घायल हो गए। वहीं अब हादसे का कारण पता चल गया है। रेल मंत्री ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि, यह हादसा इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण हुआ। हमने जिम्मेदारों की भी पहचान कर ली है। बता दें कि, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम वह होता है जिसमें ट्रेन का ट्रैक तय किया जाता है।
कवच सिस्टम की वजह से नहीं हुआ हादसा
ममता बनर्जी के बयान पर अश्विनी वैष्णव ने कहा, 'ममता जी ने कवच सिस्टम पर बात की। उन्हें जो जानकारी थी उसके आधार पर उन्होंने बयान दिया। ममता बनर्जी ने जो कल कहा था कारण वह नहीं है। यह हादसा इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव के चलते हुआ। जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।'
हालांकि, रेल मंत्री ने कहा कि हादसे का कवच सिस्टम से कोई लेना-देना नहीं है। रेल मंत्रालय के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने बताया कि ट्रेनों की टक्कर रोकने के लिए बनाया गया कवच सिस्टम अगले साल तक ट्रेनों में इन्स्टॉल किए जाने की संभावना है।
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दिल्ली से चिकित्सकों का दल भुवनेश्वर भेजा गया
नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और केंद्र सरकार के अन्य अस्पतालों के चिकित्सकों का एक दल ओडिशा रेल हादसे में घायल हुए लोगों को चिकित्सकीय मदद मुहैया कराने के लिए भारतीय वायुसेना के एक विशेष विमान से भुवनेश्वर भेजा गया है। यह दल दवाइयां और अन्य अहम चिकित्सकीय उपकरण लेकर गया है।
रेलवे ने अनुग्रह राशि देने का किया ऐलान
रेलवे ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख, गंभीर रूप से घायलों को दो लाख रुपए और अन्य घायलों को 50,000 रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।
कैसे हुआ हादसा
जानकारी के मुताबिक, हादसा बालासोर के बहानगा बाजार स्टेशन के पास शाम करीब 7 बजे हुआ। रेलवे के मुताबिक कोलकाता-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस और यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस बहानगा स्टेशन के पास डिरेल हो गई थीं। इसके बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन पास के ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। रेल मंत्री ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। हादसे के बाद 18 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया जबकि कई ट्रेनों का रास्ता बदला गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेलवे अधिकारियों ने बताया कि पहले यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस डिरेल हुई थी। इसके कुछ डिब्बे दूसरी पटरी पर पलटे और दूसरी तरफ से आ रही शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए। इसके बाद कोरोमंडल ट्रेन की भी कुछ बाोगियां पटरी से उतर गईं। ये बोगियां दूसरे ट्रैक पर मालगाड़ी से टकरा गईं। कुछ बोगियां मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गईं।
उड़ गई पटरी, अलग हो गए पहिए
तीन ट्रेनों की टक्कर इतनी भयानक और भीषण है की रेल ट्रैक पर कई किलोमीटर पटरी गायब है। भीषण टक्कर के बाद पटरी टूटकर दूर जा गिरी। ट्रेन की बोगियों से पहिये अलग हो चुके हैं, बोगियां पिचक गईं थीं और ट्रेन के दोनों पहिये अलग हो गए। टक्कर के बाद स्टील की बोगियां खिलौने जैसी पिचकी पड़ी थीं। राहतकर्मी गैस कटर से बोगी काट काटकर अलग कर रहे हैं और उसमें फंसे लोगों को निकाल रहे हैं। अंदर का दृश्य बेहद भयावह है।
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