
बालासोर। ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम हुए रेल हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 288 हो गई है, जबकि एक हजार से अधिक लोग घायल हैं। बचाव और राहत कार्य के बाद पटरियों से हटा दिया है और ट्रैक को जल्द शुरू करने की कोशिश जारी है। रेल मंत्रालय के मुताबिक, 1000 से अधिक कर्मचारी लगातार काम पर जुटे हैं।
इस रूट पर मौजूद नहीं था कवच सिस्टम
हादसा बालासोर के बहानगा बाजार स्टेशन के पास शुक्रवार शाम करीब 7 बजे हुआ। जानकारी के मुताबिक, गाड़ियों के बीच टक्कर रोकने वाला कवच सिस्टम इस रूट पर मौजूद नहीं था। रेल मंत्रालय के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने बताया कि ट्रेनों की टक्कर रोकने के लिए बनाया गया कवच सिस्टम अगले साल तक ट्रेनों में इन्स्टॉल किए जाने की संभावना है।
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने भी जताया दुख
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी बालासोर ट्रेन हादसे पर दुख जताया है। एक बयान जारी करते हुए उन्होंने कहा, ‘भारत में हुए ट्रेन हादसे की खबर सुनकर बेहद दुखी हूं. हमारी संवेदनाएं उन परिवारों के प्रति हैं जिन्होंने इस हादसे में अपने प्रियजनों को खो दिया है। घायलों के स्वस्थ होने की कामना करते हैं… इस दुख की घड़ी में हम भारत के लोगों के साथ खड़े हैं।’
रेलवे ने घायलों को दी अनुग्रह राशि
रेलवे की ओर से सोरो मेडिकल यूनिट में घायल यात्रियों को 50 हजार रुपए की अनुग्रह राशि सौंपी गई। घायलों को अस्पताल में ही दी जा रही सहायता राशि।
कैसे हुआ हादसा
जानकारी के मुताबिक, हादसा बालासोर के बहानगा बाजार स्टेशन के पास शाम करीब 7 बजे हुआ। रेलवे के मुताबिक कोलकाता-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस और यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस बहानगा स्टेशन के पास डिरेल हो गई थीं। इसके बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन पास के ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। रेल मंत्री ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। हादसे के बाद 18 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया जबकि कई ट्रेनों का रास्ता बदला गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेलवे अधिकारियों ने बताया कि पहले यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस डिरेल हुई थी। इसके कुछ डिब्बे दूसरी पटरी पर पलटे और दूसरी तरफ से आ रही शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए। इसके बाद कोरोमंडल ट्रेन की भी कुछ बाोगियां पटरी से उतर गईं। ये बोगियां दूसरे ट्रैक पर मालगाड़ी से टकरा गईं। कुछ बोगियां मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गईं।
उड़ गई पटरी, अलग हो गए पहिए
तीन ट्रेनों की टक्कर इतनी भयानक और भीषण है की रेल ट्रैक पर कई किलोमीटर पटरी गायब है। भीषण टक्कर के बाद पटरी टूटकर दूर जा गिरी। ट्रेन की बोगियों से पहिये अलग हो चुके हैं, बोगियां पिचक गईं थीं और ट्रेन के दोनों पहिये अलग हो गए। टक्कर के बाद स्टील की बोगियां खिलौने जैसी पिचकी पड़ी थीं। राहतकर्मी गैस कटर से बोगी काट काटकर अलग कर रहे हैं और उसमें फंसे लोगों को निकाल रहे हैं। अंदर का दृश्य बेहद भयावह है।