Naresh Bhagoria
21 Dec 2025
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21 Dec 2025
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21 Dec 2025
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21 Dec 2025
भोपाल। मध्यप्रदेश में दवा की दुकानों पर भारी छूट के नाम पर लगाए जा रहे 10% से 80% तक की छूट वाले बोर्ड अब मेडिकल स्टोर मालिकों पर भारी पड़ सकते हैं। मध्यप्रदेश फार्मेसी काउंसिल (MPPC) ने ऐसे सभी फार्मासिस्टों और मेडिकल स्टोर संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है जो ग्राहकों को लुभाने के लिए इस तरह के डिस्काउंट बोर्ड या प्रचार सामग्री का उपयोग कर रहे हैं। काउंसिल ने इसे फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन 2015 का उल्लंघन बताते हुए इसे अनैतिक और अवैध करार दिया है।
काउंसिल ने स्पष्ट कहा है कि अगर किसी मेडिकल स्टोर ने 15 दिन के भीतर ऐसे बोर्ड या प्रचार सामग्री नहीं हटाई, तो संबंधित फार्मासिस्ट का पंजीकरण रद्द या निलंबित किया जा सकता है। साथ ही मेडिकल स्टोर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। यह चेतावनी एक राज्यव्यापी नोटिस के जरिए दी गई है, जिसमें सभी पंजीकृत फार्मासिस्टों और स्टोर मालिकों से नियमों का पालन करने की अपील की गई है।
नोटिस में कहा गया है कि बड़े कारोबारी और चेन फार्मेसी संचालक आर्थिक ताकत के दम पर भारी डिस्काउंट का प्रचार कर छोटे दुकानदारों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। यह गतिविधि भारतीय प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2002 की धारा 4 का उल्लंघन है, क्योंकि यह अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देती है। काउंसिल अध्यक्ष संजय जैन और रजिस्ट्रार भाव्या त्रिपाठी ने सभी फार्मासिस्टों से नैतिक व्यावसायिक आचरण अपनाने और अनैतिक तरीकों से बचने की अपील की है।
मध्यप्रदेश केमिस्ट एवं ड्रगिस्ट एसोसिएशन (MPCDA) ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि महाराष्ट्र, पंजाब, गोवा, मणिपुर, छत्तीसगढ़ और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों की तर्ज पर अब मध्यप्रदेश में भी कड़ा नियम लागू हुआ है। एसोसिएशन का मानना है कि यह दवा व्यवसाय में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है और इससे स्थानीय केमिस्टों को राहत मिलेगी।