Manisha Dhanwani
5 Nov 2025
चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सोमवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब विधानसभा में ‘पंजाब पवित्र धर्मग्रंथों के विरुद्ध अपराध रोकथाम विधेयक 2025’ पेश किया। इस नए कानून के तहत अगर कोई व्यक्ति श्री गुरु ग्रंथ साहिब, भगवद्गीता, बाइबिल या कुरान जैसे किसी भी पवित्र ग्रंथ का अपमान करता है, तो उसे 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।
इस कानून को सदन में पेश करने से पहले मुख्यमंत्री मान की अध्यक्षता में एक अहम कैबिनेट बैठक हुई, जिसमें इस विधेयक को मंजूरी दी गई। इसके बाद मुख्यमंत्री ने इसे विधानसभा में पेश किया। विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि बेअदबी बिल पर चर्चा के लिए समय दिया जाना चाहिए। इसके बाद सदन को 15 मिनट के लिए फिर से स्थगित कर दिया गया। बाजवा के बेअदबी बिल पर चर्चा कल के लिए आयोजित किए जाने को स्पीकर ने मंजूरी दे दी है। बताया गया कि इस कानून का मकसद राज्य में भाईचारा, शांति और धार्मिक सौहार्द बनाए रखना है।
विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने इस मुद्दे को गंभीर बताया और विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया कि मंगलवार को इस विधेयक पर विस्तार से चर्चा की जाए। उन्होंने कहा कि यह विषय केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि समाजिक स्थिरता से भी जुड़ा हुआ है।
सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि पिछले कुछ सालों में राज्य में गुरु ग्रंथ साहिब और अन्य धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी की कई घटनाएं सामने आईं हैं। इन घटनाओं से लोगों की भावनाओं को गहरी चोट पहुंची है और समाज में अशांति फैली है। अभी तक ऐसी घटनाओं पर कार्रवाई के लिए कोई कड़ा कानून नहीं था, लेकिन अब यह बिल इन अपराधों पर सख्त रोक लगाने का काम करेगा।
अब तक भारतीय दंड संहिता की धारा 295, 298 जैसी धाराओं के तहत ऐसे मामलों में केस दर्ज किए जाते थे, लेकिन इनमें सजा बेहद सीमित होती थी और अपराधियों को सख्त सजा नहीं मिल पाती थी। नए कानून से अब बेअदबी करने वालों को कड़ी सजा मिलेगी और यह एक सख्त चेतावनी भी होगी।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य राज्य में शांति और आपसी भाईचारा बनाए रखना है। इस कानून से वे असामाजिक तत्वों को कड़ा संदेश देना चाहते हैं कि पंजाब में किसी भी पवित्र धर्मग्रंथ के अपमान की इजाजत नहीं दी जाएगी।