Naresh Bhagoria
15 Dec 2025
नई दिल्ली। उत्तर भारत में सर्दी के साथ अब घना कोहरा और बढ़ता वायु प्रदूषण लोगों की मुश्किलें बढ़ा रहा है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा से लेकर हिमाचल प्रदेश तक सोमवार को कई इलाकों में ऐसा घना कोहरा छाया रहा कि 5 से 10 मीटर दूर तक देखना भी मुश्किल हो गया। सड़कों, हाइवे और हवाई सेवाओं पर इसका सीधा असर पड़ा। मौसम विभाग ने पहले से ही नोएडा, गाजियाबाद समेत यूपी के बड़े हिस्सों में घने कोहरे का अलर्ट जारी किया था, जो 15 दिसंबर को सच साबित हुआ।
मौसम विभाग के अनुसार, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में 15 और 16 दिसंबर को घना कोहरा छाए रहने की संभावना है। उत्तर-पूर्वी भारत में 15 से 19 दिसंबर तक और हिमाचल प्रदेश में 15 से 17 दिसंबर तक कोहरे के हालात बने रह सकते हैं। ठंडी हवाओं की कमी और नमी बढ़ने से हवा की गुणवत्ता और ज्यादा बिगड़ रही है। विभाग का कहना है कि 17 दिसंबर से पहले राहत मिलने के आसार बेहद कम हैं।
17 दिसंबर के आसपास एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव हो सकता है। इसके असर से दिल्ली-NCR, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में बादल छाने की संभावना है। हालांकि बारिश होगी या नहीं, इस पर अभी स्थिति साफ नहीं है। विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर हवाएं कमजोर पड़ीं तो प्रदूषण और स्मॉग की समस्या और गंभीर हो सकती है। हालांकि मंगलवार से हालात में हल्का सुधार देखने को मिल सकता है।

मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में तापमान में करीब दो डिग्री की गिरावट का अनुमान जताया है। इससे दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद समेत उत्तर भारत में न्यूनतम तापमान 1.5 से 2 डिग्री तक नीचे जा सकता है और ठंड और तेज महसूस होगी। हालांकि अधिकतम तापमान में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं होगा।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता स्थिति बेहद चिंताजनक हो गई है। रविवार, 14 दिसंबर को राजधानी का औसत AQI बढ़कर 461 तक पहुंच गया, जो इस सर्दी का सबसे प्रदूषित दिन और दिसंबर का दूसरा सबसे खराब रिकॉर्ड है। रोहिणी और वजीरपुर जैसे इलाकों में AQI 500 के करीब दर्ज किया गया। पूरे NCR में प्रदूषण का असर लोगों के स्वास्थ्य, ट्रैफिक और रोजमर्रा की जिंदगी पर साफ नजर आया।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, हवा की रफ्तार धीमी रहने और तापमान कम होने के कारण प्रदूषक कण ऊपर नहीं जा सके और जमीन के पास ही फंसे रहे। CPCB के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली के 39 निगरानी केंद्रों में से 38 में हवा ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई। रोहिणी, अशोक विहार, जहांगीरपुरी और मुंडका जैसे इलाकों में AQI 499 से 500 के बीच रहा।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इतनी प्रदूषित हवा में लंबे समय तक रहने से सांस, आंख और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब AQI 300 से ऊपर चला जाए, तो सुबह की सैर और खुले में व्यायाम से बचना चाहिए। जरूरत पड़ने पर ही बाहर निकलें और घर के अंदर हल्की शारीरिक गतिविधि करें। पर्याप्त पानी पीना, संतुलित आहार और मौसमी फलों का सेवन फायदेमंद माना गया है।
प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली-NCR में ग्रैप (GRAP) के सबसे सख्त चरण लागू कर दिए हैं। इसके तहत निर्माण और तोड़फोड़ से जुड़े सभी कामों पर रोक लगा दी गई है। हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, 18 दिसंबर के बाद एक और वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव हो सकता है। इसके असर से तापमान में और गिरावट आ सकती है। 22 दिसंबर के बाद कई राज्यों में कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना हैं। फिलहाल लोगों को सतर्क रहने, मौसम और प्रदूषण से जुड़ी सलाह मानने की जरूरत है।