Naresh Bhagoria
7 Dec 2025
स्वीडिश एकेडमी ने गुरुवार (9 अक्टूबर 2025) को साहित्य के नोबेल पुरस्कार की घोषणा की। यह ऐलान भारतीय समयानुसार शाम 4:30 बजे किया गया। इस साल हंगरी के मशहूर लेखक लास्जलो क्रास्जनाहोरकाई को यह सम्मान दिया गया है।
एकेडमी ने कहा कि लास्जलो की रचनाएं बेहद प्रभावशाली और दूरदर्शी हैं। वे अपनी कहानियों में डर, विनाश और अस्थिरता के बीच भी कला और मानवता की ताकत दिखाते हैं। उन्हें मध्य यूरोपीय परंपरा का महान लेखक माना जाता है, जो काफ्का और थॉमस बर्नहार्ड की शैली से जुड़ी है।
लास्जलो का पहला उपन्यास ‘सैटानटैंगो’ (1985) में प्रकाशित हुआ था। इसमें साम्यवाद के पतन से पहले हंगरी के एक बंजर इलाके में रहने वाले गरीब लोगों की जिंदगी दिखाई गई है। उनकी एक और प्रसिद्ध किताब ‘द मेलांकली ऑफ रेसिस्टेंस’ है, जो एक छोटे गांव की कठिन जिंदगी और इंसानी स्वभाव की गहराई को उजागर करती है। इन दोनों पर फिल्में भी बन चुकी हैं- खास बात यह है कि ‘सैटानटैंगो’ पर बनी फिल्म 7 घंटे लंबी थी और उसकी खूब तारीफ हुई थी।
कमिटी ने कहा कि लास्जलो की रचनाओं में दर्शन, मानवता और आधुनिक समाज की जटिलताओं पर गहरी सोच झलकती है। वे उदास लेकिन सोचने पर मजबूर करने वाली कहानियां लिखते हैं।
नोबेल विजेता को 11 मिलियन स्वीडिश क्रोना (लगभग 10.3 करोड़ रुपए), सोने का मेडल और सर्टिफिकेट दिया जाएगा। अगर एक से ज्यादा लोग विजेता होते हैं तो यह राशि साझा की जाती है। पुरस्कार समारोह 10 दिसंबर 2025 को स्टॉकहोम में आयोजित होगा।