Naresh Bhagoria
4 Dec 2025
नेशनल एनुअल रिपोर्ट एंड इंडेक्स ऑन वुमेंस सेफ्टी (NARI) 2025 में बताया गया है कि कोहिमा, विशाखापट्टनम, भुवनेश्वर, आइजोल, गंगटोक, ईटानगर और मुंबई देश में महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित शहर हैं। इन जगहों पर महिलाओं को ज्यादा समानता, नागरिक भागीदारी, बेहतर पुलिस व्यवस्था और अनुकूल इन्फ्रास्ट्रक्चर मिलता है।
रिपोर्ट के अनुसार पटना, जयपुर, फरीदाबाद, दिल्ली, कोलकाता, श्रीनगर और रांची महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित शहर माने गए हैं। यहां सुरक्षा व्यवस्था कमजोर है और महिलाएं असुरक्षित महसूस करती हैं। यह सर्वे 31 शहरों की 12,770 महिलाओं पर किया गया था। रिपोर्ट को राष्ट्रीय महिला आयोग (NMC) की अध्यक्ष विजया राहटकर ने गुरुवार को जारी किया।
सर्वे में शामिल 10 में से 6 महिलाओं ने कहा कि वे अपने शहर में सुरक्षित महसूस करती हैं, जबकि 40% महिलाएं खुद को असुरक्षित मानती हैं। 91% महिलाएं कार्यस्थल पर सुरक्षित महसूस करती हैं। 86% महिलाएं शिक्षा संस्थानों में दिन के समय सुरक्षित महसूस करती हैं, लेकिन रात में सुरक्षा की भावना कम हो जाती है। महिलाएं पब्लिक ट्रांसपोर्ट और रात में बाहर घूमने के दौरान सबसे ज्यादा असुरक्षित महसूस करती हैं।
रिपोर्ट में सामने आया कि सिर्फ 25% महिलाओं को ही भरोसा है कि उनकी सुरक्षा शिकायतों पर असरदार कार्रवाई होगी। 3 में से 2 महिलाएं उत्पीड़न की शिकायत दर्ज ही नहीं करतीं। 2024 में 7% महिलाओं ने पब्लिक प्लेस पर उत्पीड़न का सामना किया, जबकि 24 साल से कम उम्र की लड़कियों में यह आंकड़ा 14% तक पहुंच गया। उत्पीड़न की घटनाएं सबसे ज्यादा पब्लिक ट्रांसपोर्ट (29%) और पड़ोस (38%) में हुईं।
रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर महिलाएं शिकायत नहीं करतीं, इसलिए NCRB के पास अपराध का पूरा डेटा नहीं पहुंच पाता। विशेषज्ञों ने कहा है कि अपराध डेटा को NARI जैसे सर्वेक्षणों के साथ जोड़कर ही सही तस्वीर सामने लाई जा सकती है।