Manisha Dhanwani
26 Oct 2025
भोपाल। मध्य प्रदेश में मानसून इस बार भारी साबित हो रहा है। जुलाई के अंतिम सप्ताह में जहां एक ओर झमाझम बारिश ने सूबे के अधिकांश जिलों को भिगो दिया, वहीं कई इलाकों में हालात बाढ़ जैसे हो गए हैं। रायसेन, शिवपुरी, गुना, मुरैना, श्योपुर समेत आधे से ज्यादा जिलों में नदियां-नाले उफान पर हैं। सड़कें बंद हैं, पुलिया बह गई हैं और सैकड़ों लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। मौसम विभाग ने अगले 2 से 3 दिन और भारी बारिश की चेतावनी दी है।
रायसेन में बेतवा नदी ने अपने रौद्र रूप में सब कुछ समा लिया है। बाढ़ के कारण सांची रोड का नजारा ड्रोन से लिया गया, जिसमें मंदिर, पुल और खेत पूरी तरह डूबे नजर आए। इस साल रायसेन में रिकॉर्ड 32 इंच बारिश हो चुकी है जो पिछले 10 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। प्रशासन बाढ़ की निगरानी में जुटा हुआ है।
शिवपुरी में लगातार हो रही बारिश से माधव टाइगर रिजर्व की सांख्य सागर झील ओवरफ्लो हो गई है। जिला प्रशासन ने एहतियातन स्कूलों की छुट्टियां घोषित कर दी हैं। पचावली गांव में स्कूल से लौट रहे 30 बच्चे बाढ़ में फंस गए जिन्हें सरपंच के घर में सुरक्षित रोका गया।
गुना जिले में बीते 24 घंटे में 12.92 इंच बारिश हुई है। कलोरा बांध की वेस्ट बीयर 15 फीट तक टूट गई जिससे गांवों में जलभराव का खतरा बन गया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एनडीआरएफ और सेना को मौके पर बुलाया गया है।
श्योपुर जिले में सीप नदी उफान पर है। मानपुर के सरकारी अस्पताल में पानी घुस गया, जहां 12 मरीज फंसे हुए थे। SDRF की टीम ने सभी को सुरक्षित निकाला। रणथंभोर नेशनल पार्क के पास NH-552 की पुलिया बहने से जयपुर-दिल्ली का ट्रैफिक ठप हो गया है।
मुरैना जिले में चंबल नदी में उफान के कारण अंबाह, सबलगढ़ समेत विभिन्न तहसीलों में 500 से अधिक लोगों को प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। उधर नरसिंहपुर में बरांझ नदी के बैक वाटर से गंगई गांव के 7 ग्रामीण फंस गए थे जिन्हें रेस्क्यू किया गया।
31 जुलाई को मौसम विभाग ने नीमच, मंदसौर, श्योपुर, मुरैना, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट और मंडला जिलों में भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में 4.5 इंच तक बारिश हो सकती है। वहीं, बाकी जिलों में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश की संभावना है।
मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के मुताबिक प्रदेश के मध्य हिस्से में बना साइक्लोनिक सर्कुलेशन और ट्रफ लाइन सक्रिय है, जिससे बारिश हो रही है। यह सिस्टम 3 अगस्त के बाद कमजोर होगा और उसके बाद बारिश की तीव्रता कम हो जाएगी। एक अगस्त को भी बालाघाट, मंडला, पांढुर्णा, सिवनी, श्योपुर, मुरैना और छिंदवाड़ा में भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी है।
विदिशा, रायसेन, गुना, शिवपुरी, अशोकनगर, सागर, दमोह और छतरपुर में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। इन जिलों से अब तक 2900 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। शिवपुरी के कोलारस, लुकवासा और बदरवास के 12 गांवों में 300 लोग बाढ़ में फंस गए थे जिन्हें सेना ने बचाया।
बंगाल की खाड़ी से निकलकर सतना तक फैली मानसून ट्रफ लाइन, उत्तर-पश्चिमी लो प्रेशर एरिया और दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से बारिश और तेज हो सकती है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले 4 दिन और प्रदेश को मानसून का कहर झेलना पड़ सकता है।
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