Hemant Nagle
22 Sep 2025
भोपाल। मध्य प्रदेश में मानसून की वापसी शुरू होने वाली है। अगले तीन दिन यानी 22 से 24 सितंबर तक प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने भोपाल, इंदौर, जबलपुर समेत प्रदेश के अधिकतर जिलों में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश का अलर्ट जारी किया है।
सोमवार को भोपाल में सुबह से धूप निकली रही, लेकिन पिछले दिन यानी रविवार को कई जिलों में बारिश हुई। भोपाल के कोलार डैम, कलियासोत और भदभदा डैम के गेट रविवार को खुले रहे। नर्मदापुरम, उज्जैन, मंडला, नरसिंहपुर समेत 15 से अधिक जिलों में हल्की बारिश दर्ज की गई। उज्जैन में दिनभर उमस और गर्मी से परेशान लोगों को शाम को हुई तेज बारिश ने राहत दी।
सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के अनुसार, रविवार को प्रदेश में कोई सक्रिय सिस्टम नहीं था। लेकिन कई बार लोकल सिस्टम की वजह से अलग-अलग क्षेत्रों में बारिश हो जाती है।
22 सितंबर (सोमवार): हल्की बारिश और गरज-चमक के आसार
23 सितंबर (मंगलवार): हल्की बारिश की संभावना
24 सितंबर (बुधवार): हल्की बारिश का दौर जारी रहने का अनुमान
मौसम विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस दौरान भारी बारिश की संभावना नहीं है।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि, 25 सितंबर से कम दबाव का क्षेत्र एक्टिव होने वाला है। इसके प्रभाव से प्रदेश में तेज बारिश का सिलसिला शुरू होगा। इस दौरान मानसून की वापसी होने लगेगी।
मध्य प्रदेश में 16 जून 2025 को मानसून ने प्रवेश किया था। अब तक औसतन 43.8 इंच बारिश दर्ज की जा चुकी है, जबकि सामान्य बारिश का कोटा 37 इंच है। इस हिसाब से 7.5 इंच पानी अधिक गिर चुका है। प्रदेश में अब तक कुल 118 प्रतिशत बारिश हो चुकी है।
पूर्वी संभाग यानी जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल में मानसून के स्ट्रॉन्ग सिस्टम सक्रिय रहे। इस दौरान छतरपुर, मंडला, टीकमगढ़, उमरिया समेत कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी। वहीं ग्वालियर-चंबल संभाग के सभी आठ जिलों में भी कोटे से ज्यादा बारिश हुई।
सबसे ज्यादा बारिश: गुना (65.4 इंच), रायसेन (61 इंच), मंडला (60 इंच), श्योपुर (56.6 इंच), अशोकनगर (56 इंच)
सबसे कम बारिश: खरगोन (26.6 इंच), शाजापुर (28.4 इंच), खंडवा (28.6 इंच), बड़वानी (29.7 इंच), धार (31.5 इंच)
भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, सागर, उज्जैन, चंबल, शहडोल और नर्मदापुरम संभागों में कुल 39 जिलों में अच्छी बारिश हुई।
इंदौर और उज्जैन संभाग में मानसून की शुरुआत से ही स्थिति सामान्य नहीं थी। लेकिन सितंबर महीने में हुई तेज बारिश से इंदौर में सामान्य बारिश का कोटा पूरा हो गया। हालांकि, बड़वानी, खरगोन और खंडवा की स्थिति अभी भी संतोषजनक नहीं है।