मराठा आरक्षण पर बड़ा फैसला, कुनबी जाति प्रमाणपत्र के लिए समिति गठित, हैदराबाद गजट पर आदेश जारी
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने मराठा आरक्षण की लंबे समय से चली आ रही मांग पर अहम कदम उठाते हुए मंगलवार को हैदराबाद गजट पर एक आदेश जारी किया। सरकार ने घोषणा की है कि जिन मराठों के पास ऐसे दस्तावेज हैं, जिनमें उन्हें कुनबी के रूप में दर्ज किया गया है, उन्हें जाति प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके लिए एक विशेष समिति का गठन भी किया गया है। यह फैसला मराठा आरक्षण आंदोलन के प्रमुख नेता मनोज जरांगे के साथ सरकार की वार्ता के बाद सामने आया है।
आंदोलन के दबाव में सरकार का फैसला
मराठा समुदाय नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलनरत है। बीते दिनों मनोज जरांगे ने मुंबई के आजाद मैदान में भूख हड़ताल शुरू की थी। सरकार के साथ हुई बातचीत में सहमति बनने के बाद सामाजिक न्याय एवं विशेष सहायता विभाग ने मंगलवार को सरकारी प्रस्ताव (जीआर) जारी कर दिया।
हैदराबाद गजट का होगा आधार
जीआर में कहा गया है कि 1918 में निजाम सरकार द्वारा जारी हैदराबाद गजट में कुछ मराठा समुदायों को कुनबी के रूप में दर्ज किया गया था। अब इन्हीं ऐतिहासिक दस्तावेजों को आधार मानते हुए पात्र मराठों को कुनबी जाति प्रमाणपत्र दिया जाएगा। कुनबी को पहले से ही महाराष्ट्र में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) श्रेणी में मान्यता प्राप्त है। इस तरह मराठों को भी ओबीसी श्रेणी का आरक्षण लाभ मिल सकेगा।
समिति करेगी दस्तावेजों की जांच
सरकार द्वारा गठित पैनल में ग्राम सेवक, तलाठी (राजस्व अधिकारी) और सहायक कृषि अधिकारी शामिल होंगे। यह समिति आवेदकों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों का सत्यापन करेगी और योग्य पाए जाने पर सक्षम प्राधिकारी को प्रमाणपत्र जारी करने की सिफारिश करेगी। सरकार ने स्पष्ट किया है कि हर दावे की जांच समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से होगी, ताकि पात्र लोगों को जल्द से जल्द लाभ मिल सके।
आरक्षण की राह आसान
जरांगे की प्रमुख मांग रही है कि मराठों को कुनबी का दर्जा दिया जाए। सरकार के इस फैसले से मराठवाड़ा क्षेत्र सहित महाराष्ट्र के उन मराठों को सीधा फायदा होगा, जिनकी वंशावली दस्तावेजों में कुनबी दर्ज है। अब वे कानूनी रूप से सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण पाने के पात्र हो जाएंगे।