Manisha Dhanwani
5 Nov 2025
Naresh Bhagoria
5 Nov 2025
Naresh Bhagoria
5 Nov 2025
भोपाल। 2008 के मालेगांव बम ब्लास्ट केस में NIA की विशेष अदालत से बरी होने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर पहली बार भोपाल पहुंचीं। एयरपोर्ट से लेकर उनके निवास स्थान तक भव्य स्वागत हुआ, ढोल-नगाड़े बजे और आतिशबाजी की गई। मीडिया से बातचीत में साध्वी प्रज्ञा ने कांग्रेस, ATS अधिकारियों और जांच एजेंसियों पर गंभीर आरोप लगाए।
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि उन्हें जबरदस्ती झूठे बयान देने के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। मुझे पीएम नरेंद्र मोदी, मोहन भागवत, योगी आदित्यनाथ जैसे नेताओं का नाम लेने के लिए कहा गया। ऐसा न करने पर मुझे टॉर्चर किया गया। मुझे पुरुषों द्वारा प्रताड़ित किया गया, कपड़े उतरवाकर जांच की गई।
प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि आतंकवाद का धर्म और रंग होता है। हरा रंग लेकर आतंकवाद फैलाया गया। पहलगाम में हिंदू पहचान कर लोगों को मारा गया। मुस्लिम आतंकवाद को छिपाने के लिए हिंदू आतंकवाद शब्द गढ़ा गया।
पूर्व सांसद ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा- हिंदू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता। कांग्रेस ने अपने तुष्टिकरण की राजनीति के तहत भगवा को आतंकवाद से जोड़ा। यह एक सुनियोजित षड्यंत्र था। कांग्रेस ने विधर्मी मानसिकता को बढ़ावा दिया।
भोपाल : मालेगांव ब्लास्ट में बरी होने के बाद राजधानी पहुंचीं साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, ढोल-नगाड़ों के साथ हुआ स्वागत, बोलीं- कांग्रेस ने मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए 'हिंदू आतंकवाद' शब्द गढ़ा, मुझे झूठे केस में फंसाकर प्रताड़ित किया गया #Bhopal #MalegaonBlastCase… pic.twitter.com/2hgLb8LgXz
— People's Update (@PeoplesUpdate) August 3, 2025
साध्वी ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र ATS ने उन्हें गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखा। 13 दिन अवैध हिरासत और 11 दिन पुलिस कस्टडी में रखा गया। परमबीर सिंह और अन्य अधिकारियों ने कानून तोड़कर मुझे प्रताड़ित किया।
राजनीतिक भविष्य को लेकर सवाल पर साध्वी ने कहा- हम राजनीति नहीं करते, राष्ट्रनीति करते हैं। सत्य, धर्म और राष्ट्र सर्वोपरि हैं। कांग्रेस को हिंदुओं से माफी मांगनी चाहिए।
31 जुलाई 2025 को NIA की विशेष अदालत ने मालेगांव ब्लास्ट केस में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर समेत सात आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। 2008 में मालेगांव में हुए विस्फोट में 6 लोगों की मौत हुई थी और 101 घायल हुए थे।
घटना: 29 सितंबर 2008, मालेगांव (महाराष्ट्र) में एक मस्जिद के पास बाइक में लगा विस्फोटक फटा।
आरोप: बम प्लानिंग, फंडिंग, संगठन संचालन, बम निर्माण में मदद।