इंदौर में श्वेतांबर जैन समाज द्वारा निकाली गई। शोभायात्रा में विशेष आकर्षण का केंद्र रहा चांदी का रथ, जिसे 108 युवाओं ने खींचा। यात्रा की शुरुआत ऐतिहासिक राजवाड़ा से हुई और इसमें पंजाब और कर्नाटक से आई नृत्य मंडलियों ने अपनी प्रस्तुतियां दीं। महावीर बाग के पास रथयात्रा के कारण कुछ समय के लिए ट्रैफिक बाधित हुआ, लेकिन श्रद्धालुओं का उत्साह देखने लायक था। इंदौर के तिलक नगर क्षेत्र से भी भगवान महावीर की जयंती पर एक विशाल शोभायात्रा का आयोजन किया गया। यह आयोजन न केवल क्षेत्रीय स्तर पर बल्कि पूरे शहर में धार्मिक उत्साह और समर्पण का प्रतीक बनकर उभरा।
राजधानी भोपाल के लालघाटी स्थित जैन नगर में भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया। सबसे आगे ढोल-नगाड़े बजाते बच्चे चल रहे थे और समाज के लोग पूरे उत्साह के साथ प्रभु महावीर के जयघोष कर रहे थे।
शिवपुरी में आयोजित शोभायात्रा में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल हुए। उन्होंने न सिर्फ भगवान महावीर की आरती की, बल्कि युवाओं के साथ मिलकर पारंपरिक ढोल भी बजाया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भगवान महावीर का 'जियो और जीने दो' का संदेश आज के समय में भी पूरी तरह प्रासंगिक है। हमें इसी नीति को अपनाकर समाज में शांति और सहअस्तित्व को बढ़ावा देना चाहिए।"
देवास में जैन समाज ने महावीर जयंती के अवसर पर सेवा भावना का परिचय देते हुए नेत्रहीन बच्चों, वृद्धाश्रम में रह रहे बुजुर्गों और हामूखेड़ी कुष्ठधाम के निवासियों को भोजन कराया। रात्रि में शहर के सभी जैन मंदिरों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
बालाघाट में पार्श्वनाथ भवन से दादाबाड़ी जैन मंदिर तक निकली शोभायात्रा का स्वागत रंगोली बनाकर किया गया। श्रद्धालु नंगे पांव भगवान महावीर की पालकी लेकर चल रहे थे, जिससे पूरे मार्ग का वातावरण आध्यात्मिक हो गया।
मध्यप्रदेश के पांच प्रमुख जैन तीर्थ स्थल– मुक्तागिरी (बैतूल), बावनगजा (बड़वानी), गोम्मटगिरि (इंदौर), कुंडलपुर (दमोह) और मोहनखेड़ा (धार) पर भी विशेष धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया गया। यहां लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना जताई गई है।