Mithilesh Yadav
2 Oct 2025
Manisha Dhanwani
2 Oct 2025
Mithilesh Yadav
1 Oct 2025
Shivani Gupta
1 Oct 2025
नई दिल्ली। भारत आज 2 अक्टूबर को अपने दो महान नेताओं को याद कर रहा है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 156वीं जयंती और भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 121वीं जयंती देशभर में श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई जा रही है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन सहित कई नेताओं ने दोनों महापुरुषों को नमन किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।
इसके बाद वे विजय घाट पहुंचे और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को नमन किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी राजघाट और विजय घाट पर पुष्पांजलि अर्पित की।
उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने भी शास्त्री जी की समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि दी।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल पोरबंदर स्थित कीर्ति मंदिर पहुंचे और गांधी जी को याद किया। वहीं गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने भी महात्मा गांधी को नमन किया।
महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। सत्य, अहिंसा और शांति के उनके सिद्धांतों ने पूरी दुनिया को प्रेरित किया। संयुक्त राष्ट्र ने उनकी जयंती को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मान्यता दी है। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि गांधीजी ने सत्य, अहिंसा, शांति और सहिष्णुता का संदेश दिया और छुआछूत, अशिक्षा और सामाजिक बुराइयों को मिटाने के लिए अपना जीवन समर्पित किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी गांधी जयंती पर कहा कि, बापू का असाधारण जीवन यह दिखाता है कि साहस और सादगी बड़े बदलाव के साधन हो सकते हैं। उन्होंने प्रतिज्ञा ली कि विकसित भारत के निर्माण में हम गांधी जी के बताए मार्ग पर चलते रहेंगे।
लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय (अब दीनदयाल उपाध्याय नगर) में हुआ था। उनकी सादगी और ईमानदारी उन्हें जनता के करीब लाती रही। उनका दिया नारा ‘जय जवान, जय किसान’ आज भी भारत की आत्मा को जगाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने शास्त्री जी को याद करते हुए कहा कि वे एक असाधारण नेता थे, जिनकी दृढ़ता ने कठिन समय में भी भारत को मजबूती दी। उनका जीवन देशभक्ति और आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक है।
साल 2007 में संयुक्त राष्ट्र ने 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस घोषित किया। 140 से ज्यादा देशों ने इसका समर्थन किया था। आज यह दिन पूरी दुनिया को शांति और करुणा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।