Mithilesh Yadav
2 Oct 2025
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विजयादशमी के मौके पर गुजरात के भुज एयरबेस से पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया। शस्त्र पूजा के बाद जवानों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यदि पाकिस्तान ने सर क्रीक इलाके में कोई भी हिमाकत की तो उसे ऐसा जवाब मिलेगा कि उसका इतिहास और भूगोल दोनों बदल जाएंगे।
राजनाथ सिंह ने कहा कि कराची तक जाने का रास्ता सर क्रीक से होकर गुजरता है। उन्होंने याद दिलाया कि 1965 की जंग में भारतीय सेना ने लाहौर तक पहुंचने की क्षमता दिखाई थी। उन्होंने चेताया कि साल 2025 में पाकिस्तान को यह बात अच्छी तरह याद रखनी चाहिए।
सर क्रीक कच्छ की खाड़ी में स्थित करीब 96 किलोमीटर लंबी संकरी जलधारा है। यह भारत के गुजरात और पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बीच पड़ती है। यह इलाका सामरिक दृष्टि से बेहद अहम है क्योंकि यह समुद्री और जमीनी सीमाओं को जोड़ता है।
इस विवाद की जड़ 1914 के एक समझौते में है। भारत सर क्रीक की पूर्वी तटरेखा को सीमा मानता है, जबकि पाकिस्तान पश्चिमी तट को सीमा बताता है। भारत का कहना है कि ऐतिहासिक दस्तावेजों और मध्य रेखा के आधार पर ही सीमा तय होनी चाहिए। इस क्षेत्र का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह अरब सागर के पास है और यहीं से कराची पोर्ट तक पहुंचने का रास्ता निकलता है। साथ ही यहां हाइड्रोकार्बन और गैस के संभावित भंडार भी मौजूद हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि आजादी के 78 साल बाद भी पाकिस्तान की वजह से यह विवाद जारी है। भारत हमेशा बातचीत से समाधान चाहता रहा है, लेकिन पाकिस्तान की नीयत साफ नहीं है। हाल ही में सर क्रीक के पास पाकिस्तानी सेना द्वारा बनाए जा रहे ढांचे को उन्होंने खतरनाक संकेत बताया।
राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान ने लेह से लेकर सर क्रीक तक भारत की रक्षा प्रणाली को भेदने की नाकाम कोशिश की थी। हमारी सेनाओं ने जवाबी कार्रवाई कर पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम को प्रभावित कर दिया। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन ने पूरी दुनिया को दिखा दिया कि भारत अपनी सीमाओं की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम और तैयार है।