Shivani Gupta
25 Oct 2025
Manisha Dhanwani
25 Oct 2025
Manisha Dhanwani
25 Oct 2025
सतारा। महाराष्ट्र के सतारा में महिला डॉक्टर सुसाइड केस में दूसरी गिरफ्तारी हुई है। आरोपी PSI गोपाल बदने ने शनिवार शाम फलटण ग्रामीण पुलिस थाने में सामने सरेंडर किया, जिसके बाद उसे अरेस्ट कर लिया गया। सुसाइड के बाद से ही वो फरार चल रहा था। पुलिस ने 25 अक्टूबर के ही दिन दोपहर के समय प्रशांत बांकर को गिरफ्तार किया था। पीड़िता के सुसाइड नोट और हथेली पर लिखे नामों में गोपाल बदने और प्रशांत बनकर का जिक्र था।
सतारा के एसपी तुषार दोशी ने बताया कि, गोपाल बदने से करीब एक घंटे तक सख्त पूछताछ की गई। इसके बाद उसे मेडिकल जांच के लिए अस्पताल भेजा गया। आरोपी को 26 अक्टूबर दोपहर कोर्ट में पेश किया जाएगा। इससे पहले गिरफ्तार प्रशांत बनकर को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है।
महाराष्ट्र के सतारा जिले में फलटण सिविल अस्पताल में पदस्थ महिला डॉक्टर ने 23 अक्टूबर को शहर के एक होटल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। उसकी हथेली पर गोपाल बदने और प्रशांत बांकर का नाम लिखा था। पीड़ित ने लिखा था कि, गोपाल ने पिछले 5 महीने में कई बार उसका रेप किया।
पुलिस के मुताबिक, 23 अक्टूबर को डॉक्टर ने फलटण के एक होटल में कमरा बुक किया था। जब होटल स्टाफ ने दरवाजा खटखटाया और अंदर से कोई जवाब नहीं आया, तो दूसरी चाबी से दरवाजा खोला गया। अंदर डॉक्टर फांसी से लटकी हुई मिली। इसके बाद तुरंत पुलिस को सूचना दी गई।
इस मामले में पुलिस ने शनिवार को दूसरे आरोपी, सब-इंस्पेक्टर (PSI) गोपाल बदने को गिरफ्तार किया। आरोपी ने फलटण ग्रामीण पुलिस थाने में सरेंडर किया। इससे पहले पुलिस ने शनिवार दोपहर पहले आरोपी प्रशांत बनकर को पकड़ा था। प्रशांत उसी मकान मालिक का बेटा है, जहां मृतक डॉक्टर किराए पर रहती थी। वह पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और मुंबई में काम करता है।
पुलिस जब होटल के कमरे में पहुंची तो डॉक्टर की हथेली पर लिखे शब्द देखकर सभी हैरान रह गए। उसने लिखा था कि, PSI गोपाल बदने ने पिछले 5 महीनों में कई बार उसका रेप किया, जबकि प्रशांत बनकर मानसिक रूप से परेशान करता था। सतारा जिले के फलटण में दोनों आरोपियों के खिलाफ बलात्कार और आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज है।
इसके अलावा 4 पेज के सुसाइड नोट में एक सांसद और उसके दो PA पर भी आरोप लगाए हैं। ये सभी उस पर अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए आने वाले आरोपियों के फर्जी फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने का दबाव बनाते थे। डॉक्टर ने लिखा कि सांसद के पीए खुद अस्पताल आए और फोन पर सांसद से बात भी कराई गई, लेकिन उसने ऐसा करने से मना कर दिया।
डॉक्टर के रिश्तेदारों ने खुलासा किया कि, उस पर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट बदलने और गिरफ्तार आरोपियों की मेडिकल रिपोर्ट में हेरफेर करने का दबाव था। एक रिश्तेदार ने बताया कि, डॉक्टर ने इस मामले में पहले ही सतारा एसपी और डीएसपी से शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। उसने अपने लेटर में लिखा था- अगर मेरे साथ कुछ होता है, तो जिम्मेदार कौन होगा?
पीड़िता का परिवार अब न्याय की मांग कर रहा है। उनका कहना है कि मृतका बहुत मेहनती और महत्वाकांक्षी थी, लेकिन कार्यस्थल पर उत्पीड़न और पुलिस दबाव ने उसे तोड़ दिया। उसने आत्महत्या से दो दिन पहले ही अपने वरिष्ठ अधिकारियों को लिखित शिकायत दी थी। परिवार का आरोप है कि, अगर समय रहते उसकी शिकायत पर कार्रवाई होती, तो आज वह जिंदा होती।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना पर गहरा दुख जताया और कहा कि सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि, यह बहुत गंभीर और दुखद मामला है। एक युवा डॉक्टर ने आत्महत्या से पहले अपने हाथ पर सुसाइड नोट लिखा। संबंधित पुलिस अधिकारी सस्पेंड किए जा चुके हैं। किसी को बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे संवेदनशील मामले पर राजनीति करना गलत है।
जानकारी के मुताबिक, जांच में अब उस सांसद और उसके पीए से भी पूछताछ की तैयारी है, जिनके नाम सुसाइड नोट में दर्ज हैं। इसके साथ ही डॉक्टर के फोन और चैट रिकॉर्ड्स की भी जांच की जा रही है, ताकि आत्महत्या से पहले की बातचीत से पूरे घटनाक्रम की सच्चाई सामने लाई जा सके।